भूकंप और सुनामी अलर्ट, जानें कितनी तेजी से फैलता है भूकंप और कैसे आगे बढ़ती है इसकी तरंगें
धरती के नीचे टेक्टोनिक प्लेट्स लगातार हलचल करती रहती हैं. जब यह प्लेट्स फॉल्ट लाइन पर आपस में टकराती है तो एनर्जी रिलीज होती है. यही ऊर्जा सीस्मिक वेव्स के रूप में बाहर निकलती है, जिसे हम भूकंप कहते हैं.
भूकंप की प्राइमरी तरंगे धरती के अंदर 6 से 8 किलोमीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से दौड़ती हैं. सेकेंडरी तरंगे थोड़ी धीमी होती है, लेकिन ज्यादा विनाशकारी होती है. इन्हीं तरंगों की वजह से जमीन तेजी से हिलती है.
समुद्र किनारे वाले देश जापान, पेरू, इंडोनेशिया और फिलीपींस सुनामी के लिए ज्यादा सबसे ज्यादा संवेदनशील माने जाते हैं. क्योंकि समुद्र तल के नीचे होने वाले बदलाव सीधे उनके तटीय इलाकों पर असर डालते हैं.
वहीं जब बड़े मैग्नीट्यूड का भूकंप समुद्र के पास आता है तो झटके सीधे समुद्र तल तक पहुंचते हैं. इससे समुद्र की सतह और तल दोनों में तेज हलचल पैदा होती है.
भूकंप के दौरान समुद्र तल कभी ऊपर उठता है, कभी नीचे धंसता है. यही अचानक होने वाला बदलाव पानी को ऊपर की ओर धक्का देता है और बड़ी-बड़ी लहरें बनना शुरू हो जाती है जो की सुनामी की शुरुआत होती है.
वहीं जब दो प्लेट आपस में टकराती है तो भारी मात्रा में ऊर्जा पानी के अंदर जाती है. यह ऊर्जा पानी को तेज ऊंची लहरों में बदल देती है जो तटीय क्षेत्र की ओर बढ़ती रहती है.
सुनामी की लहरें सामान्य समुद्री लहरों से कई गुना ऊंची और तेज होती है. यह सैकड़ों किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तटों की तरफ बढ़ सकती है और भारी नुकसान पहुंचा सकती है.
इसके अलावा NOAA के अनुसार 6.5 से कम तीव्रता वाले भूकंप पर सुनामी का खतरा बहुत कम होता है. वहीं 7.5 से 7.8 तीव्रता वाले भूकंप पर सुनामी आने के आशंका काफी बढ़ जाती है. इसके अलावा अगर 7.8 से ज्यादा की तीव्रता का भूकंप आता है तो ऊंची लहरें और स्थानीय स्तर पर भीषण सुनामी आ सकती है.