आखिर कैसे बने एस्टेरॉयड? जो हर बार धरती के लिए बन जाते हैं खतरा
ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर ये एस्टेरॉयड बने कैसे और धरती के करीब आने से ये खतरा क्यों बन जाते हैं.
एस्टेरॉयड के निर्माण के बारे में वैज्ञानिकों का मानना है कि सौर मंडल के निर्माण के समय ग्रहों के बनने के दौरान बचे हुए पदार्थों से ये बने हैं.
जब सौर मंडल बन रहा था, तो धूल और गैस के बादल एक साथ आकर ग्रहों का निर्माण कर रहे थे. इस प्रक्रिया में कुछ पदार्थ ग्रहों में शामिल नहीं हो पाए और अंतरिक्ष में ही रह गए. ये ही पदार्थ बाद में एस्टेरॉयड बन गए.
एस्टेरॉयड के साइज और प्रकार में काफी अलग-अलग होते हैं. कुछ एस्टेरॉयड बहुत छोटे होते हैं, जबकि कुछ कई किलोमीटर व्यास के होते हैं. एस्टेरॉयड की रचना भी अलग-अलग होती है. कुछ एस्टेरॉयड चट्टानी होते हैं, तो कुछ धातु के.
वहीं एस्टेरॉयड धरती के लिए खतरा इसलिए बन जाते हैं क्योंकि वो कभी-कभी धरती की कक्षा के पास से गुजरते हैं. अगर कोई बड़ा एस्टेरॉयड धरती से टकराता है तो इससे भारी तबाही हो सकती है.