मौत के बाद भी कैसे जिंदा हो जाता है इंसान? क्या है इसके पीछे का साइंस
ऐसी खबरें सुनकर आपके मन में भी ख्याल आता होगा कि भला कोई आदमी मरने के बाद कैसे जिंदा हो सकता है? ऐसी घटनाओं को अक्सर धार्मिक मान्यताओं से जोड़कर देखा जाता है. हालांकि, इसके पीछे विज्ञान कुछ और कहता है.
विज्ञान के मुताबिक, ऐसी स्थिति तब आती है जब किसी व्यक्ति की मरने की पुष्टि सही तरह से न की गई हो. यानी, सिर्फ धड़कनें या सांस रुकने पर ही डॉक्टरों ने पुष्टि कर दी हो कि व्यक्ति मर चुका है.
वैज्ञानिक स्टीफन ह्यूजेस के मुताबिक, मौत के बाद डॉक्टर्स द्वारा उसकी पुष्टि के प्रॉसेस का ठीक से पालन न किए जाने पर ऐसी स्थिति होती है. कई बार डॉक्टर्स रुक-रुक कर चल रही सांसों को ठीक से नहीं चेक करते और मौत की पुष्टि कर देते हैं.
ऐसी स्थिति में कई बार कुछ मिनटों बाद तो कई बार कुछ घंटों बाद व्यक्ति का शरीर फिर से हरकत करने लगता है और धड़कनें भी सामान्य हो जाती हैं. विज्ञान के अनुसार, यह सामान्य है, लेकिन धार्मिक मान्यताएं इसे बारे में कुछ और ही कहानी बताती हैं.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जिस व्यक्ति की मौत का समय नहीं हुआ होता है तो उसे वापस धरती पर भेजा जाता है. विज्ञान इसे नहीं मानता. विज्ञान के अनुसार, मौत को कुछ समय के लिए टाला जरूर जा सकता है, लेकिन इसे रिवर्स नहीं किया सकता.
यानी अगर किसी व्यक्ति के सभी अंग धीरे-धीरे काम करना बंद कर रहे हैं तो उस प्रॉसेस को मेडिकल साइंस के जरिए कुछ समय के लिए रोका जा सकता है, लेकिन इसे हमेशा के लिए रोका नहीं जा सकता है.