लकड़ी पर खाना बनाते हैं तो उसकी लौ लाल और एलपीजी गैस की लौ नीली क्यों? क्या है इसका साइंस
आग की खोज को लेकर बहुत लंबा इतिहास है. लेकिन आज हम आपको आग की खोज नहीं उसके रंग के बारे में बताने वाले हैं. आपने गौर किया होगा कि आपके घर में जलने वाले एलपीजी चूल्हे और लकड़ी के चूल्हे के आग में अंतर होता है.
आसान भाषा में कहे तो आप जितने तरह के आग देखते होंगे, सभी आग के रंग अलग होते हैं. लेकिन क्या आप इसके पीछे का साइंस जानते हैं.
बता दें कि आग के रंगों का सीधा कनेक्शन उसके तापमान से होता है. जैसे आग का कलर लाल है, ऐसे में आग का टेंपरेचर 500 डिग्री सेंटीग्रेड से कम हो सकता है.
वहीं अगर आग का कलर ऑरेंज और चमकदार लाल है, तो तापमान 1000 डिग्री सेंटीग्रेड तक हो सकता है. अगर आपको ऑरेंज कलर की आग और इसमें पीला रंग भी दिखाई दे रहा है, तो आग का तापमान 1100 से 1200 डिग्री सेंटीग्रेड तक जा सकता है.
वहीं एलपीजी गैस के नीले होने के पीछे का कारण भी है. बता दें कि गैस की लौ का नीले रंग होने की सबसे अहम वजह से गैस में कार्बन की मात्रा कम होना होता है. वहीं जहां भी ईंधन में कार्बन अधिक होगा, उसकी आग की लौ लाल या पीली होगी.