दिल्ली में ट्यूलिप फेस्टिवल का आगाज, LG विनय सक्सेना और नीदरलैंड की राजदूत ने किया उद्घाटन
इस मौके पर दोनों गणमान्य व्यक्तियों ने ट्यूलिप वॉक में भाग लिया और इस शानदार प्रदर्शनी का आनंद लिया. कार्यक्रम में एनडीएमसी अध्यक्ष केशव चंद्रा और उपाध्यक्ष कुलजीत सिंह चहल भी मौजूद रहे.
इस साल एनडीएमसी ने दिल्ली को और खूबसूरत बनाने के लिए 3.25 लाख ट्यूलिप लगाए हैं. इनमें से 1.46 लाख ट्यूलिप अकेले शांतिपथ पर खिल रहे हैं. इसके अलावा डीडीए के 20 पार्कों में भी पहली बार ट्यूलिप लगाए गए हैं. खास बात यह है कि हिमाचल प्रदेश के पालनपुर में उगाए गए 15,000 ट्यूलिप भी दिल्ली की शोभा बढ़ा रहे हैं.
कार्यक्रम के दौरान उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने कहा, “हमारा लक्ष्य अगले चार वर्षों में ट्यूलिप के आयात पर निर्भरता को कम करना है. दिल्ली को और खूबसूरत बनाना हमारी प्राथमिकता है और इस दिशा में हम लगातार काम कर रहे हैं.” इस साल ट्यूलिप का एक नया वैरायटी “मैत्री” भी पेश किया गया है, जो भारत और नीदरलैंड की दोस्ती का प्रतीक है.
नीदरलैंड की राजदूत मारिसा जेरार्ड्स ने कहा, “हम ट्यूलिप के जरिए भारत-नीदरलैंड के दोस्ताना संबंधों का जश्न मना रहे हैं. दोनों देशों के बीच कृषि, स्वास्थ्य, जल प्रबंधन और नवाचार जैसे कई क्षेत्रों में मजबूत साझेदारी है.”
इस साल पहली बार एनडीएमसी एक लाख ट्यूलिप के गमले आम जनता के लिए बिक्री पर उपलब्ध करा रही है. इन्हें शांतिपथ लॉन, लोधी गार्डन, नेहरू पार्क, तालकटोरा गार्डन, सेंट्रल पार्क और एनडीएमसी नर्सरी में बेचा जा रहा है. लोग अब अपने घरों और बगीचों में भी ट्यूलिप के रंगों को बिखेर सकते हैं.
इस बार शांतिपथ लॉन, कनॉट प्लेस के सेंट्रल पार्क, लोधी गार्डन, तालकटोरा गार्डन, मंडी हाउस, सरदार पटेल मार्ग, शेरशाह सूरी मार्ग और कई प्रमुख राउंडअबाउट्स पर भी ट्यूलिप खिले हैं. दिल्ली अब लाल, सफेद, पीले, बैंगनी, गुलाबी और नारंगी रंगों के ट्यूलिप से सजी हुई है.
एनडीएमसी ने पहली बार 2017-18 में ट्यूलिप उगाने का प्रयोग किया था, जब सिर्फ 17,000 ट्यूलिप लगाए गए थे. यह प्रयोग इतना सफल रहा कि अब यह दिल्ली की वार्षिक परंपरा बन चुका है. इस पहल ने एनडीएमसी को भारत का पहला नागरिक निकाय बना दिया, जिसने सार्वजनिक स्थानों पर इतने बड़े स्तर पर ट्यूलिप उगाए हैं.
ट्यूलिप न सिर्फ दिल्ली की सुंदरता बढ़ा रहे हैं, बल्कि वायु प्रदूषण और धूल प्रदूषण को कम करने में भी मदद कर रहे हैं. दिल्ली के 1,450 एकड़ के हरित क्षेत्र में ट्यूलिप को शामिल करना एनडीएमसी की ग्रीन दिल्ली मुहिम का एक हिस्सा है.