क्या पाकिस्तान के लाहौर तक जाकर वापस लौट सकता है फाइटर प्लेन? इतनी होती है फ्लाइंग रेंज
फाइटर जेट को हिंदी में लड़ाकू विमान कहा जाता है, जो कि किसी दुश्मन देश के साथ लड़ाई के काम आता है. इसके जरिए हवा से हवा में लड़ाई की जाती है.
इस विमान का इस्तेमाल आमतौर पर किसी देश की वायुसेना या फिर नौसेना के द्वारा किया जाता है. ये अपनी स्पीड के लिए भी जाने जाते हैं.
लड़ाकू विमान तेज गति, गतिशीलता, तुरंत उड़ान भरने की क्षमता, अन्य सेन्य विमानों की तुलना में छोटे आकार के लिए जाने जाते हैं. ये आमतौर पर मिसाइल या बम के जरिए दुश्मनों पर हमला करने के लिए जाने जाते हैं.
फाइटर जेट्स की स्पीड कई गुना ज्यादा होती है. कुछ महीने पहले बेंगलुरू में एयरो इंडिया 2025 में रूस और अमेरिका ने 5वीं पीढ़ी के फाइटर जेट्स को उतारा था.
इस दौरान रूस के Su-57 फाइटर जेट की स्पीड 2600 किमी/घंटे है तो वहीं अमेरिका के F-35 की अधिकतम स्पीड 1900 किमी/घंटे है.
रूस के मिग-29 फुलक्रम की बात करें तो इसकी अधिकतम स्पीड मैक 2.3 है. यह टैंक फुल करने के बाद 1500 किमी की रेंज तक उड़ सकता है. वहीं सुखोई Su-27 फ्लैंकर की टॉप स्पीड मैक 2.35 है. यह एक मिनट से भी कम समय में 12 किलोमीटर ऊंचाई तक पहुंच सकता है.
इसी तरह से राफेल को एक या फिर दो पायलेट उड़ाते है. यह 50.1 फीट लंबी, विंगस्पैन 35.9 फीट और 17.6 फीट ऊंचाई का विमान है. इसकी अधिकतम स्पीड 1912 किमी/घंटे है. इसकी ऑपरेशनल रेंज 3700 किलोमीटर है, लेकिन यह 51,952 फीट ऊंचाई तक जा सकती है. यह एक सेकेंड में 305 मीटर ऊंची सीधी उड़ान भर सकता है.