Earthquake While Sleeping: नींद में कितनी देर बाद पता चलता है भूकंप का झटका, जानें कितना मिलता है जान बचाने का वक्त
सामान्य तौर पर आप भूकंप तब ज्यादा महसूस करते हैं जब सीधे बैठे हों. चलते या घूमते वक्त झटके कम महसूस होते हैं.
भूकंप के झटके तब ज्यादा लगने की संभावना ज्यादा होती है, जब आप सो रहे होते हैं, क्योंकि उस वक्त भी आप स्टिल पोजीशन में होते हैं. हालांकि यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि आप कहां पर हैं.
अगर आप नींद में हैं तो उस वक्त भी बचने की संभावना रहती है. अगर आप भूकंप के दौरान बिस्तर पर हैं और कहीं जाने का वक्त नहीं है, तो फर्श पर लेट जाएं और तकिए से अपने सिर और गर्दन को ढंक लें.
नींद में होने के बाद भी भूकंप से बचने का तो वक्त रहता है, बशर्ते आप चौकन्ने रहें. जहां हैं वहीं रहें, भागने या बाहर जाने की कोशिश न करें.
इस दौरान आप कांच और खिड़कियों से दूर रहें व भारी सामान के आसपास न जाएं, क्योंकि उनके गिरने से चोट लगने का खतरा है.
भूकंप आने के बाद आफ्टरशॉक्स आते रहते हैं, इसलिए अगर आप सो रहे हैं तो थोड़ा चौकन्ने रहें. कोशिश करें कि जो जरूरी सामान है उसे अपने पास में ही रखें.
इस दौरान भागने की कोशिश तभी करें जब आपके पास दरवाजा हो, नहीं तो चोट लगने और घायल होने का खतरा ज्यादा है.