कृपा और कृपया... ज्यादातर लोग इनमें रहते हैं कंफ्यूज! दोनों है अलग-अलग शब्द, पढ़िए दोनोंं का मतलब
आजकल के दौर में लोग कई बड़े शब्दों के शॉर्ट फॉर्म बना कर उन्हे ही बोलचाल में इस्तेमाल करते हैं. जैसे सिद्धार्थ का सिड हो गया है, अक्षय का अक्की... ऐसे ही न जाने कितनी तरह के शब्द हैं. सवाल है कि क्या हिंदी का कृपया शब्द भी इसी तरह कृपा हो गया है या फिर दोनों के बीच में कोई बड़ा अंतर है?
असल में कृपा शब्द मूल रूप से संस्कृत भाषा का स्त्रीलिंग शब्द है. जिसका अर्थ बिना किसी उम्मीद के दया करने से है. यह हिंदी के करुणा शब्द से जुड़ा हुआ है.
कृपा करने वाला बड़ा होता है और कृपा प्राप्त करने वाला याचक होता है. अंग्रेजी भाषा में इसे Mercy या Courte कहते हैं.
अब बात अगर कृपया की करें, तो सुनने में यह कृपा से मिलता जुलता ही लगता है, लेकिन यह उससे बिल्कुल अलग है. कृपया शिष्टाचार के लिए इस्तेमाल होने वाला एक रीतिवाचक क्रियाविशेषण (अव्यय) है.
इसका इस्तेमाल सम्मानपूर्वक आग्रह करने लिए भी किया जाता है. एक बड़ा व्यक्ति अपने से छोटे व्यक्ति से बातचीत के दौरान शिष्टाचार का परिचय देते हुए कृपया शब्द का उपयोग कर सकता है. इंग्लिश में इसे Please या kindly कहते हैं.