एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं... कौन होते हैं ये चट्टे-बट्टे?
इस मुहावरे का इस्तेमाल ‘एक ही स्वभाव के लोग’, ‘समान गुट के व्यक्ति’ या ‘एक ही तरह के लोगों’ के लिए किया जाता है. जब किसी को दो लोगों को एक जैसा बताना होता है तो वह सीधा कह देता है कि आप दोनों एक ही थाली/थैले/थाली के चट्टे-बट्टे हैं.
चट्टे-बट्टे को लेकर कई कहानियां और अलग अलग तर्क दिए जाते हैं. जिसमें एक खेल दिखाने वाले लोगों की कहानी है. आपने देखा होगा कि जिस तरह जोकर दो गेंदों को उछाल-उछालकर खेल दिखाते हैं. ऐसा ही खेल गली -मौहल्ले में आने वाले मदारी या बाजीगर आदि भी दिखाया करते थे.
इनके पास दो पत्थर भी रखते थे, जो गेंद के जैसे होते थे. वो इन दोनों पत्थरों को उछालकर खेल दिखाया करते थे और उन्हें ही चिट्टे-बट्टे कहा जाता था. ये दोनों पत्थर दिखने में एक जैसे होते थे और एक ही तरह काम करते थे. ऐसे में कई लोगों को मानना है कि इस मुहावरे का चट्टे-बट्टे वहीं से लिया गया है.
इन्हे एक ही थैले में रखा जाता था, शायद इसीलिए थैले के चट्टे-बट्टे का इस्तेमाल किया गया. क्योंकि ये दोनों आपस में एक ही जैसे थे, इसलिए कहा जा सकता है कि शायद चट्टे बट्टे इसी वजह से इस्तेमाल किया गया है.
इसके अलावा एक तर्क यह है कि पहले बच्चों के पास खेलने के लिए लट्टू के जैसे चट्टे-बट्टे हुआ करते थे. इसे भी इस मुहावरे से जोड़कर देखा जाता है और कहा जाता है कि ये यहां से लिया गया है.