चंद्रयान-3: कौनसे वो 10 मिनट हैं, जिनकी वजह से सफल होगा मिशन! चंद्रयान-2 में इसी वक्त हुई थी गड़बड़ी
हम जिस 10 मिनट की बात कर रहे हैं, वो हैं विक्रम के लैंडिंग के आखिरी मिनट. अगर आखिरी के इन मिनट में सबकुछ ठीक रहता है तो मिशन सफल हो जाएगा.
दरअसल, चंद्रयान-2 मिशन के दौरान इस वक्त हुई गड़बड़ी से मिशन सफल नहीं हो पाया था. तो जानते हैं आखिर इस दौरान क्या क्या होता है.
बता दें कि इस दौरान विक्रम सही जगह का चयन कर चांद पर लैंडिंग करने के लिए तैयार होता है. इस वक्त लैंडर की स्पीड को काफी कम करना होता है और थ्रस्ट के बैलेंस के साथ ये काम किया जाता है.
स्पीड कंट्रोल और लैंडिंग की सही जगह के बाद इसे जमीन पर उतारा जाता है. कई बार थ्रस्ट कम या ज्यादा होने से सॉफ्ट लैंडिंग में दिक्कत हो जाती है.
इस बार लैंडर में इसका खास ख्याल रखा गय है और स्पीड के साथ लोकेशन देखने की टेक्नोलॉजी पर खास काम किया गया है.
फिर लैंडिंग होने के बाद इससे रोवर निकलता है, जो डेटा कलेक्ट करता है. बता दें कि इस बार भी रोवर का नाम प्रज्ञान ही है. ऐसे में लैंडिंग का जो समय है, उसे सबसे खास माना जाता है.