क्या पुलिस आपसे बिना पूछे आपके घर का ताला तोड़ सकती है? ये रहा जवाब
अंग्रेजों ने पुलिस को ताकतवर बनाने के लिए सन् 1861 में पुलिस एक्ट को लागू किया था. इसी के आधार पर देश में पुलिस व्यवस्था सभी प्रदेशों में लागू हुई थी. इस व्यवस्था में प्रदेश पुलिस का मुखिया पुलिस महानिदेशक होता है.
भारत में पुलिस व्यवस्था में और भी कई पद हैं. लेकिन भारतीय पुलिस को नागरिकों की सुरक्षा और व्यक्तिगत अधिकारों की रक्षा करने की भी जिम्मेदारी होती है. पुलिस सार्वजनिक सुरक्षा के लिए भी जिम्मेदार है.
लेकिन पुलिस के द्वारा किसी के घर का ताला जबरदस्ती तोड़ा जाना एक गंभीर मामला होता है. अगर यह बिना किसी वारंट या कानूनी प्रक्रिया के तहत किया गया हो तो यह कानून का उल्लंघन है.
पुलिस बिना आपसे पूछ आपके घर का ताला नहीं तोड़ सकती है. भारतीय कानून के अनुसार पुलिस को तलाशी लेने के लिए वारंट की जरूरत होती है, सिवाय कुछ विशेष परिस्थितियों के.
अगर पुलिस को लगता है कि आपके घर में अपराध हुआ है और अपराधी छुपा हुआ है, तो उनको वारंट की जरूरत होती है. वारंट में तलाशी लेने का स्पष्ट उल्लेख होना जरूरी है और किसी के घर में घुसने से पहले वारंट दिखाना भी जरूरी है.
पुलिस अगर बिना वारंट दिखाए किसी के घर में जबरदस्ती घुसती है और ताला तोड़ने की कोशिश करती है तो यह गैरकानूनी है और आप इसके खिलाफ शिकायत कर सकते हैं.
कुछ खास परिस्थितियों में पुलिस बिना वारंट के भी तलाशी लेती है, जैसे कि अगर अपराध को रोकने के लिए तुरंत कार्रवाई करनी हो और किसी के घर में कोई संदिग्ध सबूत या फिर अवैध हथियार मिले हों तो भी बिना वारंट के तलाशी कर सकती है.