देश में सबसे ज्यादा पानी किस नदी से होकर बहता है, कहां तक पहुंचकर बन जाती है ‘समंदर’?
भारत विशाल नदियों का देश है, लेकिन हर नदी का बहाव यानी डिस्चार्ज अलग होता है. कुछ नदियों का फैलाव चौड़ा होता है, लेकिन उनमें पानी का वास्तविक बहाव उतना नहीं होता. ऐसे में असली सवाल यही है कि आखिर भारत की कौन-सी नदी है, जिसके पास सबसे ज्यादा वार्षिक जलप्रवाह है.
नदियों के पानी को मापने का पैमाना होता है उनका औसत वार्षिक प्रवाह, जिसे क्यूबिक किलोमीटर प्रति वर्ष में मापा जाता है. इसी आधार पर तय होता है कि कौन-सी नदी वास्तव में जलशक्ति के मामले में सबसे शक्तिशाली है, और इस पैमाने पर भारत में एक ही नदी का दबदबा सबसे ज्यादा है, और वह नाम है ब्रह्मपुत्र.
ब्रह्मपुत्र का जन्म तिब्बत के मानसरोवर के पास होता है, जहां इसे यारलुंग त्सांगपो कहा जाता है. जैसे ही यह अरुणाचल प्रदेश में प्रवेश करती है, इसका नाम ब्रह्मपुत्र हो जाता है. यह नदी अपनी विशाल जलराशि और उग्रता के लिए दुनिया भर में जानी जाती है.
हिमालय की ऊंची चोटियों से पिघलती भारी बर्फ, पूर्वोत्तर भारत में होने वाली अत्यधिक वर्षा और विशाल जलग्रहण क्षेत्र, ये तीनों कारक ब्रह्मपुत्र को पानी का सबसे बड़ा स्रोत बनाते हैं.
इसके वार्षिक जलप्रवाह का अनुमान 600 से 700 क्यूबिक किलोमीटर प्रति वर्ष बताया जाता है, जो इसे न सिर्फ भारत की सबसे शक्तिशाली बल्कि दुनिया की सबसे उग्र नदियों में शामिल करता है.
बाढ़ के समय यह नदी असम के बड़े हिस्से में कई किलोमीटर तक फैल जाती है और कई जगह तो ऐसा लगता है मानो नदी नहीं, कोई समंदर बह रहा हो. यही वजह है कि ब्रह्मपुत्र को ‘भारत की जल-शक्ति’ भी कहा जाता है.
गंगा भारत की सबसे पवित्र और सबसे अधिक आबादी को सहारा देने वाली नदी है, लेकिन जलप्रवाह के मामले में यह ब्रह्मपुत्र के सामने बहुत पीछे है. गंगा का वार्षिक जलप्रवाह लगभग 400 क्यूबिक किलोमीटर माना जाता है, जो ब्रह्मपुत्र से काफी कम है.