शादी के बाद प्यार की अहमियत समझाती हैं अरेंज मैरिज पर बेस्ड ये बॉलीवुड फिल्में
विवाह - शाहिद कपूर और अमृता राव की ये कहानी भले ही आज के युवाओं को बोर करती हो लेकिन इस फिल्म ने समाज को अरेंज मैरिज की अहमियत, पारिवारिक मूल्यों को करीब से जानने का मौका दिया. एक नौजवान लड़का और लड़की के सगाई से लेकर शादी तक का सफर इतनी खूबसूरती से दिखाया गया कि लोगों को अरेंज मैरिज पर भरोसा कायम हुआ.
नमस्ते लंदन - कैटरीना कैफ और अक्षय कुमार की बेहतरीन फिल्मों में से एक इस फिल्म ने दमदार तरीके से अरेंज मैरिज का संदेश समाज को दिया. एक भारतीय मूल की विदेशी लड़की जिसके माता पिता पंजाब ले जाकर उसकी शादी इमोशनल ब्लैकमेल करके करवा देते हैं. लेकिन लंदन आते ही वो लड़की पलट जाती है और इस शादी को मानने से ही इंकार कर देती है. लेकिन जब अक्षय कुमार उसके साथ रहते हैं तो धीरे धीरे कैटरीना को उनकी खासियत पता चलती हैं और वो उनसे प्यार करने लगती हैं.
मैं, मेरी पत्नी और वो - फिल्म का आधार भले ही अरेंज मैरिज नहीं था बल्कि कुछ और था लेकिन इस फिल्म ने कहीं न कहीं अरेंज मैरिज की खूबसूरती, उसके एक अलग अहसास को बखूबी बयां किया था. फिल्म राजपाल यादव और रितुपर्णा सेनगुप्ता पर आधारित थी. जिसे खूब पसंद किया गया था.
जस्ट मैरिज - फरदीन खान और ईशा देओल पर बेस्ड जस्ट मैरिड पूरी तरह से अरेंज मैरिज और उसके बाद की सिचुएशन पर बेस्ड है. जहां अरेंज मैरिज के बाद ये कपल हनीमून के लिए जाता है और वहां क्या होता है, दो अनजान लोग एक दूसरे के करीब आने में कैसे हिचकिचाते हैं. और क्लाइमेक्स में क्या होता है. फिल्म में यही बताया गया है
हम दिल दे चुके सनम - फिल्म केवल और केवल प्यार करना सिखाती है. एक लड़की जिसकी शादी उसकी मर्ज़ी के बिना माता पिता तय कर देते हैं. उसे लगता है कि उसकी जिंदगी खत्म हो गई लेकिन तभी फिर से प्यार उसकी जिंदगी में दस्तक देता है. उसे अरेंज मैरिज का महत्व पता चलता है. और वो अपने पहले प्यार को छोड़ पति के पास वापस लौट आती है.
धड़कन - ये भी कुछ इसी तरह की फिल्म थी. एक लड़की(शिल्पा शेट्टी) जो किसी और को चाहती है लेकिन पिता के खिलाफ न जाते हुए उनकी मर्ज़ी से अरेंज मैरिज कर लेती है. शुरुआत नफरत से शुरु होती है लेकिन धीरे धीरे राम(अक्षय कुमार) उनके दिल में जगह बनाने में कामयाब हो जाते हैं. समय के साथ वो इस कदर प्यार में खो जाती हैं कि उन्हें उनका प्यार देव(सुनील शेट्टी) भी याद नहीं रहता.