रूठ के हमसे कहीं, जब चले जाओगे तुमः Sidharth Shukla के दोस्तों से नहीं देखा गया उनका जाना, अंतिम संस्कार से पहले ही रोते हुए निकले बाहर
सिद्धार्थ शुक्ला का यूं चले जाना हर किसी को खल रहा है. परिवार पर तो मानो दुखों का पहाड़ ही टूट पड़ा है. 40 साल का नौजवान बेटा एक मां ने खोया है तो एक जिम्मेदार भाई को खोने के बाद बहनें बुरी हालत में हैं.
शुक्रवार को इंसान की जिंदगी की सबसे आखिरी प्रक्रिया भी सिद्धार्थ शुक्ला ने पूरी कर ली. मां के लिए तो लाडला अभी भी छोटा ही था. चाहती थीं कि उसका लाल उसके बुढ़ापे की लाठी बनेगा. लेकिन किस्मत की मार खूब पड़ी.
जो बेटा मां को मुखाग्नि देने वाला था उस बेटे का अंतिम संस्कार जब मां ने अपने हाथों से किया तो वहां मौजूद हर शख्स रोया और कलेजा फट पड़ा.
दोस्तों से तो अपने जिगरी सिद्धार्थ शुक्ला का जाना देखा भी नहीं गया. लिहाजा अंतिम दर्शन कर बाहर आ गए. आंखे रो रही थीं और होंठ चुप थे.
राहुल महाजन अंतिम संस्कार से पहले ही बाहर निकल आए. उनसे वहां रहा नहीं गया....दोस्त को भला कौन आखिरी विदाई देता है.
इसी तरह जय भानुशाली और सिद्धार्थ के कई दोस्त बिना कुछ बोले, नम आंखें लिए वापस लौट गए...और अब उनकी यादों में हमेशा के लिए सिद्धार्थ का वो चेहरा बस गया जिसे वो इस तरह कभी नहीं देखना चाहते थे.
सिद्धार्थ के जाने से शहनाज तो सदमे में हैं. कल से फैंस उनकी एक झलक का इंतजार कर रहे थे और जब उन्होंने उन्हें देखा तो बस कलेजा ही फट गया.
बेसुध सी शहनाज गिल भाई के सहारे शमशान घाट पर पहुंचीं....रो रोकर शहनाज का हाल बुरा था क्योंकि उनके चहेते सिद्धार्थ अब नहीं थे.