सैफ अली खान ने बेटे का नाम 'तैमूर' ही क्यों रखा था? एक्टर ने बताई थी ये वजह
एनडीटीवी को दिए एक इंटरव्यू में सैफ अली खान ने अपने बेटे तैमूर के नाम को लेकर हो रहे विवाद पर खुलकर बात की थी. एक्टर ने इसे इस्लामोफोबिया करार दिया था और कहा था कि उनके बेटे के नाम को लेकर बेवजह नाराजगी दिखाई जा रही है.
सैफ अली खान ने कहा था- 'मुझे पता है कि आज पूरी दुनिया में एक निश्चित मात्रा में इस्लामोफोबिया है और मुसलमान होने के नाते, मुझे नहीं पता कि क्या हम अपने बारे में धार्मिक तरीके से सोचते हैं. अगर मैं किसी तरह से मान भी लूं तो मैं नहीं तो फिर कौन सोचेगा?'
एक्टर ने कहा था- 'मैं अपने बेटे का नाम अलेक्जेंडर नहीं रख सकता और असल में, मैं उसे राम भी नहीं कह सकता था। एक अच्छा मुस्लिम नाम क्यों नहीं? और उम्मीद है कि हम उसे धर्मनिरपेक्षता के अच्छे मूल्यों के साथ बड़ा करेंगे, जहां हम एक-दूसरे से प्यार और इज्जत करेंगे.'
सैफ ने आगे तुर्की शासक के नाम और अपने बेटे के नाम में फर्क होने की बात कही थी. एक्टर ने कहा था- 'मैं जानता हूं कि एक तुर्की शासक है जो थोड़ा हिंसक है. वो था तिमूर और ये है तैमूर. ये एक जैसा लग सकता है क्योंकि इसकी जड़ें एक ही हैं.'
सैफ ने फिर कहा- 'अतीत को आज के चश्मे से आंकना थोड़ी दूर की बात है. नाम का असल में कोई मतलब नहीं होता. अशोक तो एक हिंसक नाम है और ऐसे ही अलेक्जेंडर भी है.'
मुंबई मिरर को दिए एक इंटरव्यू में तैमूर नाम का मतलब बताते हुए सैफ ने कहा था- 'मुझे तुर्की शासक के बारे में पता है. मैंने अपने बेटे के नाम उसके नाम पर नहीं रखा. तैमूर एक प्राचीन फारसी नाम है जिसका मतलब लोहा है मुझे और मेरी वाइफ दोनों को इसका उच्चारण और मतलब पसंद आया.'
सैफ ने कहा था- 'मैंने और करीना ने जितने भी नाम रखे, उनमें से उसे ये सबसे अच्छा लगा क्योंकि ये सारा की तरह एक पुराना फैमिली नाम है, जिसका नाम भी एक के नाम पर रखा गया था, मेरा चचेरा भाई जिसकी मैं तारीफ करता हूं.'