Birthday Special: सिंगर नहीं पुजारी बनने के लिए घर से भागा था ये सिंगर, जानिए फिर कैसे पलटी किस्मत
कैलाश खेर का जन्म 7 जुलाई को दिल्ली में हुआ था. उनके पिता एक लोक गायक थे. इसलिए बचपन से ही सिंगर ने म्यूजिक अपने घर में सुना है. लेकिन तब वो ये नहीं जानते थे कि आगे चलकर वो भी एक सिंगर बनेंगे.
दरअसल कैलाश खैर जब कैलाश खेर 14 साल के थे. तो घर से पुजारी बनने के लिए ऋषिकेश भाग गए. वहां वो शिक्षा के लिए परमार्थ निकेतन आश्रम भी गए. लेकिन कुछ ही वक्त में उन्हें समझ आ गया कि ये सब उनके लिए नहीं है.
इस चीज से वो एक दिन इस कदर निराश हो गए थे कि उन्होंने गंगा नदी में कूदकर आत्महत्या करने की कोशिश की. लेकिन किस्मत अच्छी थी कि वो बच गए. इस घटना के बाद कैलाश कई दिनों तक एक कमरे में बंद रहे.
फिर जब उन्होंने होश संभाला तो सीधा मुंबई का रुख किया और संगीत जगत में किस्मत आजमाने लगे. ये सफर भी उनके लिए काफी मुश्किलों भरा रहा. कई दिन तक सिंगर ने मुंबई के अंधेरी रेलवे स्टेशन में दिन-रात गुजारी.
ऐसे में एक दिन उनके एक दोस्त ने गाने के लिए उनका नाम संगीतकार राम संपत को सुझाया गया. जो उन दिनों एक नए सिंगर की तलाश कर रहे थे. इस गाने के लिए उन्हें 5 हजार रुपए मिले थे.
इस गाने के बाद कैलाश खैर ने ‘अल्लाह के बंदे’ गाया और उनकी किस्मत ने ऐसा यूटर्न लिया कि वो देखते ही देखते ही बॉलीवुड के टॉप सिंगर बन गए.
बता दें कि कैलाश खैर अपने बर्थडे पर कभी केक नहीं काटते बल्कि नए सिंगर्स को गाना गाने का मौका देते हैं.