मेजर मोहित शर्मा की 10 तस्वीरें, 'धुरंधर' में बिल्कुल उनकी तरह दिखते हैं रणवीर सिंह
हालांकि, मेकर्स का कहना है कि इस फिल्म की कहानी एकदम काल्पनिक है. चलिए जानते हैं आखिर मेजर मोहित शर्मा थे कौन और आतंकवादियों के बीच उन्हें कितने दिनों तक रहना पड़ा था.
मोहित शर्मा का जन्म हरियाणा के रोहतम में हुआ था.शुरू से ही उनका सपना था कि वो एक दिन देश की सेवा करेंगे. ऐसे में उनका ये सपना जाकर नेशनल डिफेंस अकादमी और इंडियन मिलिट्री अकादमी में पूरा हुआ.
इस दौरान उन्होंने एक बेहतरीन सैनिक बनने की ट्रेनिंग ली. बाद में वो 1 पैरा स्पेशल फोर्स में शामिल हो गए. साल 2004 में उन्होंने ऐसा कारनामा किया जिसे भारतीय सैन्य इतिहास के सबसे साहसी अंडरकवर ऑपरेशनों में गिना जाता है.
'इंडिया द मोस्ट फीयरलेस 2'बुक के अनुसार मेजर मोहित ने दुश्मनों से बदला लेने के लिए अपना हुलिया बदल लिया था, लंबी दाढ़ी-मूंछ रख ली थी और इफअतिखार भट्ट के फर्जी नाम से हिजबुल मुजाहिदीन में घुसकर घुसपैठ की थी.
इस दौरान मेजर मोहित शर्मा ने उस इंसान की पहचान अपनाई थी जो भारतीय सेना से अपने भाई की मौत का बदला लेना चाहता था.
इस दौरान मेजर को दो हफ्तों तक हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकियों के बीच रहना पड़ा. वहां उन्होंने खुफिया जानकारी भी इकट्ठी की,उनके ठिकानों को निशाना बनाया.
मेजर मोहित शर्मा ने इस दौरान उनके रास्तों को समझा और पूरे नेटवर्क के काम करने के तरीकों को समझा.एक दिन हालात बिगड़ गए और मेजर शर्मा की रियल पहचान सबके सामने आ गई.
मेजर शर्मा को चारों तरफ से आतंकवादियों ने घेर लिया था.इसके बाद भी उन्होंने सबका डटकर सामना किया और हेल्प मिलने से पहले अबू तोरारा और अबू सब्जार को मार दिया.
मेजर शर्मा ने मार्च 2009 में कुपवाड़ा के घने जंगलों में एक और जरूरी ऑपरेशन को लीड किया था. इस दौरान कई गोलियां लगीं.गंभीर रूप से घायल होने के बाद भी उन्होंने टीम लीड किया.
हालांकि, गंभीर चोट लगने के कारण उनका निधन हो गया.ऐसे में भारत ने अपने सबसे बेहतरीन योजद्धाओं में से एक को खो दिया.