Priyanka Gandhi Vadra: राहुल गांधी की वायनाड लोकसभा सीट के लिए कांग्रेस ने प्रियंका गांधी वाड्रा को ही क्यों चुना?
राहुल गांधी ने बार-बार दावा किया कि वायनाड से उनका भावनात्मक रिश्ता है. दरअसल, यह निर्वाचन क्षेत्र उनके बचाव में तब आया जब 2019 में कांग्रेस सबसे निचले स्तर पर थी. यूपी में उसका लगभग सफाया हो गया था और कांग्रेस नेता ने पारिवारिक क्षेत्र अमेठी तक को खो दिया था. केरल में तब कुछ कांग्रेस नेताओं ने राहुल गांधी के राज्य से चुनाव लड़ने के फैसले के लिए राज्य में संसदीय चुनावों में पार्टी के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) की जीत को जिम्मेदार ठहराया था.
कांग्रेस को 2021 में विस चुनावों में अभूतपूर्व झटका लगा, जब केरल ने यूडीएफ और सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाले वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) के बीच बारी-बारी से राजनीतिक प्रवृत्ति को छोड़ दिया और पिनाराई विजयन को सत्ता में दूसरा कार्यकाल दिया.
कांग्रेस की केरल इकाई (जो मानती है कि विजयन सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी भावना मजबूत हो रही है) उत्सुक थी कि राहुल गांधी सीपीआई (एम) के संभावित हमले को कुंद करने के लिए सीट बरकरार रखें क्योंकि वह राजनीतिक फायदे की तलाश (यूपी में बढ़त) में राज्य से भाग गए हैं. ऐसे में प्रियंका गांधी को मैदान में उतारने का फैसला किया गया.
‘‘24 अकबर रोड: ए शॉर्ट हिस्ट्री ऑफ द पीपल बिहाइंड द फॉल एंड राइज ऑफ द कांग्रेस’’ सहित कई किताबें लिखने वाले रशीद किदवई के मुताबिक, कांग्रेस लंबे समय से एक प्रभावी प्रचारक की तलाश में थी. 2024 के चुनाव में प्रियंका गांधी ने जिस तरह से नरेंद्र मोदी को जवाब दिया है, वह आश्चर्यजनक विकल्प के तौर पर उभरी हैं. उन्होंने दिखा दिया कि पीएम का मुकाबला किया जा सकता है.
राजनीतिक टिप्पणीकार और कांग्रेस के पूर्व नेता संजय झा ने प्रियंका गांधी को 'शानदार प्रचारक' करार दिया. वह बोले, नरेंद्र मोदी के कटाक्षों का तीखा और त्वरित जवाब देकर उन्होंने प्रचार के दौरान कमाल कर दिया. उनकी मौजूदगी जादुई रही है.
अगर प्रियंका गांधी लोकसभा उप-चुनाव जीत जाती हैं तो यह पहली बार होगा कि सोनिया गांधी (राजस्थान से राज्यसभा सदस्य), राहुल गांधी (यूपी के रायबरेली से लोकसभा सांसद) और प्रियंका गांधी...तीनों एक साथ संसद में होंगे.
आम चुनाव में कांग्रेस के आश्चर्यजनक रूप से अच्छे प्रदर्शन के साथ प्रियंका गांधी वाड्रा ने कांग्रेस के करिश्माई नेता के रूप में स्थिति भी मजबूत की है.