Chandrashekhar Azad: अखिलेश से हुई थी फोन पर बात, फिर क्यों नहीं हुआ गठबंधन, नतीजों के बाद चंद्रशेखर आजाद ने किया खुलासा
लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने एक साथ आकर भाजपा की परेशानी तो बढ़ा दी है. साथ ही ऐसे एक ही उम्मीदवार भी मैदान में झंडा गाड़कर आए हैं, जिनकी जीत ने सबको हिला डाला है. हम बात कर रहे है आजाद समाज पार्टी के चंद्रशेखर आजाद की. इन्होंने नगीना लोकसभा सीट से पहली बार जीत दर्ज की और इस जीत ने न केवल समाजवादी पार्टी बल्कि बसपा के भी होश उड़ा दिए हैं.
2027 में उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं. भाजपा ने लोकसभा चुनाव में अपने नतीजे को देखते हुए बहुत चिंतन किया है. पूर्वांचल में लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा का हाथ थामने वाले ओमप्रकाश राजभर के बेटे को लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा. न ही निषाद पार्टी के डॉक्टर संजय निषाद के बेटे प्रवीण निषाद चुनाव में जीत पाए. दोनों ही बड़े दलित नेताओं को हार का सामना करना पड़ा.
ओमप्रकाश राजभर और प्रवीण निषाद की हर पर चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि हमारे पुराने नेता है, जिनकी मैं मदद करने गया था. कहा था कि कुछ चीजों से परहेज करना, लेकिन वह माने नहीं और इसलिए मुझे लगता है कि परिणाम खराब हो गए. हमने जहां से चुनाव लड़ा हमारा पूरा फोकस हमारी सीटों पर था. चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि एक नैतिकता और गरिमा होती है, जिसे हमें बना कर रखना चाहिए.
चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि यदि मुझे किसी ने कोई सुधार करने के लिए कहा तो मैं उसका सुधार करूंगा क्योंकि मैं राजनीति में नया हूं. पर राजनीति में पुराने लोगों को व्यक्तिगत तौर पर ऐसा नहीं करना चाहिए. मैं किसी को लेकर कोई टिप्पणी नहीं करता हूं, क्योंकि हम अपने मुद्दों पर कायम है. कुल मिलाकर चंद्रशेखर आजाद नहीं ओपी राजभर को लेकर कहा कि जिस प्रकार से वो बयान देते आए हैं वही आज उन पर भारी पड़ गया.
वहीं दूसरी और यह बात भी चल रही है कि लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद का साथ नहीं दिया. नगीना लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ने के समय चंद्रशेखर आजाद ने अकेले चुनाव क्यों लड़ा इसका खुलासा करते हुए कहा कि अखिलेश यादव के मन में कोई बात रही होगी. जो उन्होंने हमें मना कर दिया. चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि अगर हम साथ लड़ते तो उसका फायदा और बड़े पैमाने पर होता. उन्होंने कहा कि जरूरी नहीं कि पैसे वाले लोग ही कामयाब हो सकते हैं वह लोग भी आगे बढ़ सकते हैं जिनके मन में संकल्प हो.
चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि अखिलेश यादव से हमारी बात नहीं बनी. हमने चुनाव से पहले सबसे बात की थी. हो सकता है कि अखिलेश यादव हमारे आंदोलन को बहुत कमजोर आंक रहे हैं. मुझे बहुत ज्यादा उम्मीद नहीं है. गठबंधन को लेकर जो घमंड है नेताओं में इसे भी समझने की जरूरत है. हो सकता है कि उनका भविष्य में एहसास होगी उनसे गलती हुई है, लेकिन मुझसे गलती नहीं हुई. मैंने फिर भी अपनी जिम्मेदारी निभाई.
बीजेपी के को लोकसभा चुनाव में बहुमत न मिलने के सवाल पर चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि इलेक्शन कमिशन की वेबसाइट देखकर बहुत अच्छा लगा, लेकिन इन सब के बीच सवाल यह उतरा है कि क्या चंद्रशेखर आजाद एनडीए में जाएंगे या इंडिया अलायंस में. चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि भले ही मैं भाजपा के खिलाफ लड़ रहा था, लेकिन विपक्षी इंडिया गठबंधन ने मेरी कौन सी मदद कर दी. मुझे जिन लोगों ने वोट दिया वह अपने हितों को देखते हुए दिया. मेरा बिल्कुल स्पष्ट कहना है कि जिसकी सरकार बनेगी और उनकी पॉलिसीज में लोगों के साथ अन्याय हुआ तो मैं उनसे लडूंगा.