उद्धव ठाकरे सीएम नहीं बन जाते तब तक बनी रहेगी पीड़ा, उनके साथ विश्वासघात हुआ, किस शख्स ने ली शपथ
अनंत अंबानी की शादी में बड़े-बड़े उद्योगपति, टीवी एक्टर्स नेता सब पहुंचे तो वहीं पर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद भी आशीर्वाद देने पहुंचे. सारे मेहमान तो लौट गए, लेकिन शंकराचार्य मुंबई में ही रुके. 2 दिन का दोनों ने उद्धव ठाकरे के मातोश्री में पूजा पाठ करवाई.
शंकराचार्य को पूरी खबर थी कि कैसे महाराष्ट्र में सरकार गिराई गई और कैसे उनसे शिवसेना पार्टी छीनी गई. शंकराचार्य का कहना है कि उद्धव ठाकरे के साथ विश्वासघात हिंदू समाज पर अघात था. उसके बाद शंकराचार्य ने शपथ ली की जब तक उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री नहीं बन जाते तब तक उनकी पीड़ा बनी रहेगी.
शंकराचार्य ने बताया कि सबसे बड़ा घात विश्वासघात होता है. उन्होंने कहा कि जो विश्वासघात करे वह हिंदू नहीं हो सकता.
उम्मीद तो यह जताई जा रही है कि अक्टूबर में होने वाले विधानसभा चुनाव में महा विकास अघाड़ी की जीत हो सकती है. इसी को लेकर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने उनको आशीर्वाद दिया और लौट गए.
बता दें कि शंकराचार्य बीजेपी से नाराज चल रहे थे. राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के तोर तरीकों से उन्हें आपत्ति थी, जिसे दूर करने के लिए बीजेपी ने कोई प्रयास नहीं किया. इसके बाद भाजपा ने सरकार बनाई और चुनाव के बाद पहली बार अनंत और राधिका की शादी में मोदी और शंकराचार्य का आमना सामना हुआ.
पीएम मोदी खुद शंकराचार्य के पास गए भक्ति भाव से उन्हें प्रणाम किया शंकराचार्य ने खुशी खुशी आशीर्वाद भी दिया.