Lok Sabha Elections 2024: नरेंद्र मोदी के लिए सबसे आरामदायक है इस बार का लोकसभा चुनाव? कंफर्ट जोन पर PM ने कह दी बड़ी बात
चुनावी समर के बीच उन्हें ताबड़तोड़ रैलियां, जनसभाएं, रोडशो, बैठकें और कार्यक्रम करते देखा गया. वह भी तब जब ऐसा माना जा रहा है कि इस बार का लोकसभा चुनाव भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और नरेंद्र मोदी के लिए आसान है.
उत्तर प्रदेश (यूपी) के वाराणसी से लोकसभा सांसद नरेंद्र मोदी से जब इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने हिंदी समाचार चैनल 'आज तक' को बताया कि उन्हें कंफर्ट जोन (आरामदेह माहौल) वाली दुनिया मंजूर नहीं है.
टीवी पत्रकार ने पीएम से पूछा था कि यह (लोकसभा चुनाव 2024) आपका सबसे आरामदायक चुनाव है? पीएम नरेंद्र मोदी बोले, हमें कभी भी कंफर्ट जोन में नहीं जाना चाहिए. अगर यह कंफर्टेबल है तो मैं खुद चुनौती खड़ी करूंगा.
हाईवे का उदाहरण देते हुए बीजेपी के फायरब्रांड नेता ने आगे समझाया, सीधा हाईवे होता है न, वहां पर दुर्घटनाएं अधिक होती हैं. जहां मोड़ आते हैं, वहां पर हादसे कम होते हैं. मैं अपनी टीम को जागरूक रखता चाहता हूं. मैं उन्हें जगाए और दौड़ाए रखना चाहता हूं. ऐसे में कंफर्ट जोन वाली दुनिया मुझे मंजूर नहीं है.
अत्यधिक मेहनत करने से जुड़े सवाल पर पीएम ने जवाब दिया कि वह इसे अवसर मानते हैं. जनता के दर्शन करना और उनकी भावनाएं समझना ही उनकी प्राणशक्ति और उर्जा है. लोकतंत्र में चुनाव को जीत हार के सीमित अर्थ में नहीं लेना चाहिए. यह एक तरह से ओपन यूनिवर्सिटी होती है. आपके पास विचारों को लोगों के पास ले जाने का मौका होता है. आप जब डायरेक्ट विचार ले जाते हैं तब न डायल्यूजन आता है न डायवर्जन आता है. यानी आप परफेक्ट मैसेजिंग कर सकते हैं.
इंटरव्यू के दौरान वाराणसी का जिक्र करते हुए नरेंद्र मोदी ने बताया, काशी को लेकर पहले मेरा मिजाज अलग था. मैं जब कोडरमा (झारखंड में) गया तब वहां जो दृश्य देखा मैंने भाषण का पूरा विषय बदल दिया. पहले मैं दशाश्वमेध घाट जाता था तब कुछ अलग सोचता था. मुझे लगा कि इन लोगों के साथ यह बात करनी है. मैं मानता हूं कि सभी राजनीतिक दलों का कर्तव्य है कि वे विचारधारा, काम और कार्यक्रमों के जरिए मतदाताओं को शिक्षित बनाएं. ये काम सबको करना चाहिए.
नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (14 मई, 2024) को गंगा सप्तमी के अवसर पर यूपी के काशी से नामांकन (पुष्य नक्षत्र में) दाखिल किया. वह तीसरी बार इस संसदीय सीट से चुनावी मैदान में हैं. राजनीतिक विश्लेषकों और एक्सपर्ट्स की मानें तो इस बार भी वह बनारस से जीत हासिल कर सकते हैं.