Lok Sabha Elections 2024: UP में क्यों डूब गई BJP की 'नैया'? CSDS के प्रोफेसर ने गिना दिए सारे कारण
जाने-माने रिसर्च इंस्टीट्यूट सेंटर फॉर दि डेवलपिंग सोसायटी (सीएडीएस) से जुड़े प्रोफेसर संजय कुमार ने यूपी में बीजेपी की दुगर्ति के पीछे के कुछ कारण गिनाए हैं.
'एचटी मीडिया' को दिए इंटरव्यू में सीएसडीएस के रिसर्च प्रोग्राम लोकनीति के को-डायरेक्टर ने कहा कि बीजेपी को उम्मीदें थीं कि राम मंदिर के नाम पर सीटें बढ़ेंगी.
सेफोलॉजिस्ट के मुताबिक, यूपी के अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर का मुद्दा बिल्कुल भी नहीं चला, जबकि नरेंद्र मोदी के कड़े कदमों वाले बयान से वोटर्स पर असर पड़ा.
इलेक्टोरल पॉलिटिक्स (चुनावी राजनीति) से जुड़े रिसर्च में दिलचस्पी रखने वाले प्रो.संजय कुमार ने बताया कि नरेंद्र मोदी ने कहा था कि आगे सरकार कड़े कदम लेगी.
प्रो संजय कुमार बोले कि विपक्ष के इंडिया ब्लॉक ने पीएम के कड़े कदमों वाले बयान को जनता के बीच जैसे लोगों के बीच परोसा, उससे लोगों में कई तरह की बातें हुईं.
पॉलिटिकल एनालिस्ट ने आगे बताया कि लोगों के बीच आशंका थी कि एनडीए सरकार आरक्षण के साथ कुछ करेगी, जिससे सबसे अधिक नुकसान दलित वर्ग को होगा.
संजय कुमार के अनुसार, दलितों-अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और आदिवासी वोटर्स के बीच लोकसभा चुनाव के कैंपिनिंग वाले दौर में एकदम से खलबली मच गई थी.
सीएसडीएस के प्रोफेसर ने कहा कि यूपी में दलित-ओबीसी बड़ी संख्या में हैं. बसपा वोटरों को लगा कि मायावती का दल जंग में नहीं है. ऐसे में उनका वोट व्यर्थ हो जाएगा.
प्रो संजय कुमार ने कहा कि दलित सपा की ओर गए. मुस्लिम भी पोलराइज हुए, जबकि गैर-यादव ओबीसी को टिकट के चलते उनका वोट भी सपा के खाते में चला गया.
राजनीतिक विश्लेषक ने बताया कि अखिलेश यादव ने पूरी गोलबंदी की. पीडीए फॉर्मूले को आकार दिया, जो जमीन पर हकीकत बना और यूपी में बीजेपी को झटका लगा.