UP By Elections 2024: PDA फॉर्मूले का विस्तार या कुछ और...उप-चुनाव से पहले क्यों जागा अखिलेश यादव का ब्राह्मण प्रेम?
अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली सपा ने माता प्रसाद पांडे (81) को यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाने का फैसला लिया है.
ब्राह्मण समाज से ताल्लुक रखने वाले माता प्रसाद पांडे सात बार के विधायक हैं और दो बार यूपी विधानसभा के अध्यक्ष रहे हैं.
सपा चीफ अखिलेश यादव के करीबी माने जाने वाले माता प्रसाद पांडे फिलहाल सिद्धार्थनगर जिले के इटावा से विधायक हैं.
यूपी के पूर्व सीएम ने उनके चयन के जरिए न सिर्फ बड़ा मैसेज देने की कोशिश की बल्कि पीडीए फॉर्मूले का विस्तार भी किया.
दरअसल, पीडीए में पिछड़ा दलित और अल्पसंख्यक/आधी आबादी आता है. हालांकि, अब इसमें अगड़ा भी जुड़ गया है.
वरिष्ठ पत्रकार-राजनीतिक विश्लेषक विजय विद्रोही ने 'न्यूज तक' को बताया कि सपा समझ चुकी है कि ब्राह्मण वोट जरूरी है.
विजय विद्रोही के मुताबिक, अखिलेश जान चुके हैं कि सिर्फ आधार, जाति और छिटके वोट से सपा को नहीं चलाया जा सकता.
अखिलेश यादव ने ब्राह्मणों को ध्यान में रखते हुए दांव चला जो सवर्णों के वोट बैंक को छीनने की कोशिश भी माना जा रहा है.
समाजवादी पार्टी उस नैरेटिव को भी तोड़ना चाहती है, जिसके तहत उसे सिर्फ और सिर्फ यादवों की पार्टी समझा जाता है.
अखिलेश यादव ने ब्राह्मण चेहरे को चुनकर न सिर्फ मास्टरस्ट्रोक चला बल्कि पार्टी की इमेज सुधारने के भी प्रयास किए हैं.