क्या है IAS बनने का पूरा क्राइटेरिया, जानें कैसे मिलती है देश की सबसे बड़ी सरकारी नौकरी?
सबसे पहले बात करते हैं इस परीक्षा को आयोजित करने वाली संस्था की. IAS बनने के लिए उम्मीदवार को UPSC यानी संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा पास करनी होती है. यह परीक्षा हर साल आयोजित होती है और तीन चरणों प्रीलिम्स, मेन और इंटरव्यू में पूरी की जाती है. जो उम्मीदवार इन तीनों चरणों को पार कर लेते हैं, उन्हें रैंक के आधार पर IAS, IPS और अन्य सेवाओं में नियुक्ति मिलती है. सर्वोच्च रैंक पाने वालों को IAS मिलता है, इसलिए यह परीक्षा बेहद प्रतिस्पर्धी मानी जाती है.
अब बात करते हैं IAS बनने के लिए उम्र की. UPSC ने उम्मीदवारों के लिए न्यूनतम उम्र 21 साल तय की है. जबकि अधिकतम उम्र सामान्य श्रेणी के लिए 32 साल, OBC उम्मीदवारों के लिए 35 साल और SC/ST उम्मीदवारों के लिए 37 साल रखी गई है. दिव्यांग उम्मीदवारों को उम्र में और छूट दी जाती है.
शैक्षिक योग्यता की बात करें तो IAS बनने के लिए किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन होना जरूरी है. कोई भी स्ट्रीम आर्ट्स, साइंस या कॉमर्स का उम्मीदवार इस परीक्षा में शामिल हो सकता है.
परीक्षा का पहला चरण है प्रीलिम्स. यह स्क्रीनिंग टेस्ट होता है जिसमें दो पेपर शामिल होते हैं GS पेपर और CSAT पेपर. GS पेपर के अंक मेरिट के लिए गिने जाते हैं, जबकि CSAT सिर्फ क्वालिफाइंग होता है. प्रीलिम्स पास करने के बाद उम्मीदवार को मेन परीक्षा में बैठने का मौका मिलता है.
मेन परीक्षा पूरी तरह लिखित होती है और इसमें कुल नौ पेपर होते हैं, जिसमें से सात पेपर मेरिट में गिने जाते हैं. इन पेपरों में जनरल स्टडीज के चार पेपर, एक निबंध और दो पेपर ऑप्शनल विषय के होते हैं, जिसे उम्मीदवार अपनी पसंद से चुनता है. मेन परीक्षा 1750 अंकों की होती है, इसलिए इसकी तैयारी सबसे कठिन मानी जाती है.
मेन के बाद आता है इंटरव्यू, जिसे पर्सनैलिटी टेस्ट भी कहा जाता है. यह 275 अंकों का होता है और इसमें उम्मीदवार की सोच, नेतृत्व क्षमता, आत्मविश्वास, संचार कौशल और त्वरित निर्णय लेने की क्षमता की जांच की जाती है. इंटरव्यू में पूछे जाने वाले सवाल सीधे विषय से जुड़े नहीं होते बल्कि उम्मीदवार की समझ को परखने के लिए होते हैं. मेन और इंटरव्यू के अंक मिलाकर अंतिम रैंक तैयार की जाती है.
IAS बनने के बाद उम्मीदवार की ट्रेनिंग मसूरी स्थित LBSNAA में होती है. यहां उन्हें देश के प्रशासन, कानून, आर्थिक नीति और फील्ड वर्क का गहन प्रशिक्षण दिया जाता है. ट्रेनिंग के बाद अधिकारी को किसी जिले में तैनाती मिलती है, जहां वह देश के प्रशासन का हिस्सा बनकर काम शुरू करता है.