Home Loan: होम लोन पर बचाएं ब्याज की रकम, फिक्स्ड या फ्लोटिंग में से कौनसा रेट रहेगा बेहतर-यहां जानें
होम लोन की बात करें तो हालिया समय में ब्याज दरें बढ़ने से रियल एस्टेट बाजार में तेजी आने की पूरी संभावना है. यह बाजार पिछले करीब तीन साल से स्थिर रहा है और ग्रोथ नहीं दिखा पाया है. हालांकि अब अलग-अलग रिपोर्ट से सामने आ रहा है कि प्रॉपर्टी की कीमतों में तेजी देखी जा रही है. यहां हम आपको होम लोन पर फिक्स्ड या फ्लोटिंग कौनसे रेट का चुनाव करना चाहिए, इस बारे में गाइडेंस दे रहे हैं.
दरअसल रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरों में बढ़तरी के बीच निकट भविष्य में इसमें कटौती की संभावना नहीं है. लिहाजा बैंक की कर्ज की दरें भी उछल रही हैं. ऐसे में नए और पुराने दोनों ग्राहकों के लिए फ्लोटिंग की जगह फिक्स्ड रेट का चुनाव करना सही रहेगा. इससे न सिर्फ ईएमआई कम होगी बल्कि लंबे समय में किए जाने वाले ब्याज भुगतान में भी अच्छी खासी रकम की बचत हो जाएगी.
अब 20 साल की अवधि वाले लोन पर फ्लोटिंग और फिक्स्ड रेट के अंतर को समझते हैं. इस अवधि के लिए आपको फ्लोटिंग रेट पर 1 साल बाद 1,717 रुपये ज्यादा ईएमआई देनी होगी. वहीं ब्याज का भुगतान 4,12,110 रुपये ज्यादा करना होगा. बढ़ते ब्याज दर के इस दौर में फ्लोटिंग की बजाय फिक्स्ड रेट का चुनाव करना समझदारी वाला फैसला होगा.
हालांकि, मौजूदा समय में लंबे समय के लिए फिक्स्ड रेट पर लोन लेना मुश्किल हो सकता है. महंगाई काबू में रहने के बाद ग्राहक फिक्स्ड रेट को फ्लोटिंग रेट में बदलवा सकते हैं. उस समय दोनों के बीच अंतर को समझने के बाद ही ऐसा करना बेहतर होगा यानी ग्राहक पहले यह देख लें कि उन्हें किसमें फायदा या नुकसान हो रहा है.
रूस-यूक्रेन जंग की वजह से ग्लोबल सप्लाई चेन प्रभावित हो गई है. इस वजह से सीमेंट और स्टील के दामों में 6-8 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो गई. ऐसे में बिल्डरों ने इसका बोझ ग्राहकों पर डालने में देरी नहीं की. अब मौजूदा घरों की कीमतों में देखें तो पहले के मुकाबले ज्यादा कीमतों पर फ्लैट और प्रॉपर्टी मिल रहे हैं.