World's Richest Countries: दुनिया के सबसे अमीर देशों में भारत भी एक, इस नंबर का रईस है हमारा मुल्क
दुनिया का सबसे अमीर मुल्क अमेरिका है और इसकी जीडीपी भारत की जीडीपी से कई गुना आगे है. 7 अगस्त 2023 के आंकड़ों के मुताबिक युनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका (USA) अमीर देशों की सूची में नंबर 1 पर काबिज है. अमेरिका की जीडीपी दुनिया में सबसे अधिक है और 26,854 अरब डॉलर की जीडीपी का ये देश मालिक है. इस देश की जीडीपी पर कैपिटा 80,030 डॉलर है और इसकी सालाना आर्थिक विकास दर 1.6 फीसदी है.
दुनिया का दूसरा सबसे धनवान देश चीन है और जीडीपी के हिसाब से इसका स्थान दुनिया के दूसरे सबसे धनवान देशों की लिस्ट में अमेरिका के बाद आता है. चीन, भारत का पड़ोसी देश है और मैन्यूफैक्चरिंग के मामले में विश्व के कई देशों से आगे है. अपने स्पेशल इकनॉमिक जोन कल्चर के चलते साल 2000 के आसपास चीन में जो मैन्यूफैक्चरिंग क्रांति आई वो कोविडकाल के आने तक चली. हालांकि अब इसकी आर्थिक विकास दर कुछ पिछड़ती दिख रही है. हालांकि ये अभी भी विश्व का दूसरा सबसे अमीर मुल्क बना हुआ है और इसकी जीडीपी 19,734 अरब डॉलर की है. इसकी जीडीपी पर कैपिटा 13,720 डॉलर की है और इसकी सालाना आर्थिक विकास दर 5.2 फीसदी की है.
एशियाई देश जापान दुनिया का तीसरा सबसे धनवान देश है और इसकी पर कैपिटा जीडीपी चीन और अमेरिका से भी ज्यादा है. हालांकि जीडीपी के मामले में कम आंकड़े के कारण ये अमीर देशों की सूची में तीसरे स्थान पर है. जापान की जीडीपी यानी आर्थिक विकास दर 4,410 अरब डॉलर की है और यहां पर कैपिटा जीडीपी 35,390 डॉलर की है. जापान की आर्थिक विकास दर सालाना आधार पर 1.3 फीसदी की है.
विश्व के सबसे अमीर मुल्कों की लिस्ट में चौथे स्थान पर जर्मनी है और इसकी कुल जीडीपी 4,309 अरब डॉलर की है. जर्मनी की पर कैपिटा जीडीपी काफी कम है और ये 51.38 डॉलर की है. विश्व के शुरुआती चारों अमीर देश ऐसे हैं जो पूरी तरह विकसित देश कहलाते हैं.
अब आती है बारी भारत की जो दुनिया के सबसे अमीर देशों की लिस्ट में पांचवे स्थान पर आता है. भारत की जीडीपी कुल 3,750 अरब डॉलर की है और ये विश्व के सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में दिखाई दे रहा है. हालांकि पर कैपिटा जीडीपी के मामले में भारतीय इकोनॉमी को अभी काफी प्रगति करनी है चूंकि ये फिलहाल 2.6 डॉलर पर है. देश की विशाल जनसंख्या इसका एक बड़ा कारण है और दुनिया की सबसे बड़ी जनसंख्या वाला देश होने के कारण प्रति व्यक्ति आय का कम होना एक बड़ा कारण है. विश्व के कई जाने माने आर्थिक संस्थानों ने साल 2023 में भारत की आर्थिक विकास दर 6.5 फीसदी या इसके आसपास रहने का अनुमान लगाया है जो कि सबसे तेजी से बढ़ती इकोनॉमी हो सकती है.