Delhi-Meerut RRTS Trains: दिल्ली मेरठ आने जाने वालों का जीवन होगा आसान, जल्द केवल एक घंटे में पूरी कर सकेंगे यात्रा, जानें कैसे
Delhi-Meerut RRTS Trains: दिल्ली अब दूर नहीं, लेकिन मेरठ से दिल्ली का सफर वाले यात्रियों के लिए दिल्ली अबतक दूर लगती थी. लेकिन दिल्ली से मेरठ आने जाने वाले यात्रियों के लिए ये बीते दिनों की बात रह जाएगी. दिल्ली से मेरठ तक 80 किमी की दूरी का सफर तय करने में 3 घंटे तक लग जाते थे. लेकिन आने वाले समय में अब ये सफर केवल 55 मिनट में तय किया जा सकता है. और ये संभव होगा भारत की प्रथम रीजनल रेल की बदौलत.
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC) ने हाई-स्पीड RRTS ट्रेन का पहला लुक जारी किया है जो एक घंटे के भीतर दिल्ली और मेरठ के बीच 82 किमी की दूरी तय करेगी. दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के प्राथमिकता खंड पर ट्रायल रन इस साल शुरू होने की उम्मीद है.
180 किमी प्रति घंटे की डिज़ाइन गति वाली ट्रेनें हर 5-10 मिनट में उपलब्ध होंगी और दिल्ली और मेरठ के बीच की दूरी को 55 मिनट में 14 स्टॉपेज के साथ कवर करेंगी. पूरे 82 किलोमीटर लंबे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर काम जोरों पर है। इसमें 25 स्टेशन होंगे, जिसमें दुहाई और मोदीपुरम में दो डिपो और जंगपुरा में एक स्टेबलिंग यार्ड शामिल है.
इस कोच में हवाई जहाज की तरह 2*2 ट्रांसवर्स सीटिंग होगी इसके अलावा पूरी ट्रेन में हाई स्पीड वाईफाई कनेक्टिविटी होगी. आरामदायक स्टैंडिंग स्पेस, सामान रखने के लिए लगेज रैक, मोबाइल लैपटॉप चार्जिंग की सुविधा जैसी सुविधाएं होंगी.
इसी साल एनसीआरसीटीसी, दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के प्रायोरिटी सेक्शन दुहाई से साहिबाबाद पर मई महीने में ट्रायल रन भी शुरू कर देगी. दुहाई से साहिबाबाद तक 17 किमी के प्रायोरिटी सेक्शन पर मार्च 2023 तक रैपिड रेल परिचालन भी शुरू हो जाएगा. इस कॉरिडोर में प्रतिदिन 8 लाख यात्रियों के आने की संभावना है.
आम जनता में पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए और कम समय में एनसीआर के दूर दराज के इलाकों को जोड़ने के लिए निर्मित इस रीजनल रेल में पहले 6 डिब्बे होंगे, जिसे बाद में 9 डिब्बों तक बढ़ाया जा सकता है. इनमें एक प्रीमियम कोच, 4 स्टैंडर्ड कोच और एक कोच महिलाओं के लिए आरक्षित होगा.
405 यात्रियों की क्षमता वाली इस रीजनल रेल में स्ट्रेचर और दिव्यांगो के लिए व्हीलचेयर की भी स्पेशल जगह होगी. साथ ही जिन यात्रियों को बैठने के लिए जगह नहीं मिलेगी उन्हें खड़े होकर यात्रा करने की भी इजाजत होगी. इसके लिए कोच में खड़े हो कर यात्रा करने के लिए पर्याप्त जगह बनाई गई है. इस रीजनल रेल के जरिए एक बार में तकरीबन 1500 यात्री अपनी यात्रा कर सकते हैं. इस रीजनल रेल की औसतन रफ्तार 100 किमी प्रति घंटा होगी. मार्च 2023 में गाजियाबाद के दुहाई से साहिबाबाद के बीच कुल 5 स्टेशन तक ये रेल चलेगी. मेट्रो की तरह रैपिड रेल भी हर 3 से 4 मिनट पर यात्रियों के लिए उपलब्ध रहेगी.
दिल्ली के सराय काले खां से शुरू होकर से मेरठ के मोदीपुरम तक कुल 25 स्टेशनों से होते हुए रैपिड रेल गुजरेगी। एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन के बीच की दूरी 5 से 10 किमी होगी। दुहाई-साहिबाबाद के बाद मुरादनगर-मोदीनगर कॉरिडोर पर रैपिड रेल चलेगी। इसके बाद इसे दिल्ली से कनेक्ट किया जाएगा और साल 2025 तक इसमें मेरठ भी कनेक्ट हो जाएगा। यानी अगले 3 साल में दिल्ली से मेरठ का सफर एक घंटे से भी कम में तय किया जा सकेगा. आपको ये भी बता दें कि मेक इन इंडिया के तहत आरआरटीएस के लिए 100% ट्रेन सेट भारत में ही बनाए जा रहें हैं. इनका निर्माण गुजरात के सावली में बॉम्बर्डियर कारखाने में किया जा रहा है.