Vijayadashami 2025: विजयादशमी पर मां दुर्गा को दही-चूड़ा का भोग लगाने से क्या होता है
नवरात्रि के बाद विजयादशमी होती है, जोकि आज 2 अक्टूबर 2025 को है. इस दिन मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है. मां दुर्गा की विदाई से पहले कई तरह की परंपराएं निभाई जाती हैं.
नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा को अलग-अलग दिनों में विशेष तरह के भोग लगाए जाते हैं. इसी तरह मां को विदाई देने से पहले उन्हें दही चूड़ा का भोग लगाया जाता है. आइये जानते हैं इसके पीछे का महत्व.
मां दुर्गा को दही-चूड़ा का भोग लगाने के पीछे ऐसी मान्यता है कि, दही और चूड़ा शुभता का प्रतीक होता है. विदाई से पहले मां को इसका भोग लगाना शुभ और फलदायी होता है.
कहा जाता है कि, नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा अपने मायके आती है. 9 दिनों तक ठहरने के बाद 10वें दिन उन्हें विदाई दी जाती है. विदाई से पहले लोग दही-चूड़ा भोग की रस्म पूरी करते हैं.
शास्त्रों में भी कहा गया है कि, जब हम किसी यात्रा के लिए घर से निकलते हैं तो दही खाकर निकलना शुभ होता है. इसी तरह जब मां यात्रा पर निकलती हैं तो उन्हें भी दही-चूड़ा का भोग लगाया जाता है.
बता दें कि आज गुरुवार, 2 अक्टूबर 2025 को मां दुर्गा के विसर्जन के लिए दो मुहूर्त रहेंगे. पहला मुहूर्त प्रात:काल में था. इसके बाद दोपहर 1 बजकर 21 मिनट से 3 बजकर 44 मिनट तक का समय भी विसर्जन के लिए शुभ रहेगा.