Kamdhenu Cow: घर पर कामधेनु गाय की मूर्ति रखने के क्या फायदे हैं?
कामधेनु गाय को सुरभि या कामदुघा भी कहा जाता है, जोकि हिंदू धर्म की एक दिव्य और पूजनीय गाय मानी जाती है. पौराणिक और धार्मिक कथाओं के अनुसार, देवताओं और असुरों द्वारा हुए क्षीरसागर मंथन के दौरान कामधेनु गाय का प्रकट हुआ, जिसे ऋषि वशिष्ठ को एक दिव्य उपहार के रूप में दिया गया.
कामधेनु गाय के चार पैरों को चार वेदों का प्रतीक माना जाता है, जोकि हिमालय का प्रतिनिधित्व करते हैं. इसकी आंखों में सूर्य और चंद्रमा का वास है. कंधों में अग्नि, वायु और पवन देव हैं. सींग को पवित्र त्रिमूर्ति, सिरे पर ब्रह्मा, केंद्र में विष्णु और आधार पर शिव हैं.
धार्मिक मान्यता है कि, कामधेनु गाय और उसके बछड़े की एक साथ वाली मूर्ति घर पर रखने और पूजा करने से एक साथ तीन प्रमुख देवियों लक्ष्मी (धन), सरस्वती (विद्या) और दुर्गा (शक्ति व ऊर्जा) का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
वास्तु विशेषज्ञ और एस्ट्रोलॉजर नितिका शर्मा के अनुसार घर पर कामधेनु गाय और उसके बछड़े की मूर्ति यदि वास्तु अनुसार उचित दिशा और स्थान पर रखा जाए तो इससे घर पर सकारात्मक ऊर्जा आती है और सौभाग्य में वृद्धि होती है. इसलिए कामधेनु की मूर्ति घर में रखते समय वास्तु सिद्धांतों का पालन करना जरूरी होता है.
वास्तु शास्त्र के अनुसार, कामधेनु गाय की मूर्ति जीवन की समस्त परेशानियों को दूर कर आपको भौतिक और आध्यात्मिक रूप से सफलता प्रदान करा सकती है. शास्त्रों में इसे ब्रह्माडीय गाय कहा जाता है.
वास्तु अनुसार कामधेनु गाय और उसके बछड़े की मूर्ति या तस्वीर को घर से ईशान कोण में रखना चाहिए, क्योंकि इस दिशा में देवी-देवताओं का वास होता है. साथ ही आप इसे तांबे, पीतल या चांदी आदि जैसे धातुओं से निर्मित कामधेनु गाय की मूर्ति को पूजाघर में भी रख सकते हैं.