Vastu Tips For Home: अगर आपका घर भी है दक्षिण मुखी, तो अपनाएं ये खास वास्तु टिप्स और पाएं समृद्धि!
सनातन परंपरा में हर शुभ कार्य की शुरुआत शुभ मुहूर्त देखकर किया जाता है, ठीक उसी प्रकार, जब घर बनाने की बात आती है, तो वास्तु शास्त्र के नियमों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. विशेषकर तब, जब आपके प्लॉट का मुख दक्षिण दिशा की हो. वास्तु के अनुसार दक्षिण दिशा यम देवता और पितरों की दिशा मानी जाती है, इसलिए इस दिशा में बने घर में विशेष सावधानी रखनी चाहिए.
यदि आपका घर या प्लॉट दक्षिणमुखी है, तो मुख्य द्वार को पूर्व, उत्तर या दक्षिण-पूर्व दिशा की ओर रखने चाहिए. ऐसा करने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है और नकारात्मक प्रभाव भी कम होते हैं. वहीं, घर का ढलान उत्तर दिशा की ओर होना शुभ माना गया है, क्योंकि उत्तर दिशा को समृद्धि और सुख की दिशा माना जाता है.
दक्षिणमुखी घर के वास्तु दोष को दूर करने के लिए कुछ सरल और प्रभावी उपाय करने चाहिए, जैसे मुख्य द्वार के दोनों ओर स्वस्तिक का चिन्ह बनाएं और घर के प्रवेश द्वार पर भगवान गणेश या हनुमान जी की प्रतिमा लगाकर रखें. यह करने से नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर घर में शुभता लाता है और सुरक्षा का वातावरण बनाता है.
दक्षिण दिशा में नीम का पेड़ लगाना बहुत शुभ माना गया है. यह पेड़ न केवल वायु को शुद्ध करता है, बल्कि वास्तु दोषों को भी कम करता है. वहीं, घर के बेडरूम को उत्तर या पूर्व दिशा में रखना शुभ फलदायक होता है. वहीं घर के मुख्य बेडरूम यदि उत्तर दिशा में हो, तो उसे घर के मुखिया को दें. यह करना ओर भी लाभकारी सिद्ध हो सकता है.
अगर आपका घर दक्षिण दिशा की ओर खुलता है, तो इन कुछ वास्तु नियमों और उपायों का पालन करें. श्रद्धा से यमदेव और पितरों की पूजा, तथा समय-समय पर तर्पण और दान का आयोजन करें. ऐसा करने से नकारात्मक शक्तियाँ दूर होती हैं और घर में खुशियों, समृद्धि और शांति का वास होता है.