Shastra Rules: भगवान को नहीं चाहिए ये चीजें, शास्त्रों में है साफ लिखा है, फिर भी लोग करते हैं गलती
पूजा-पाठ के दौरान कई बार लोग शास्त्रों में निषिद्ध चीजें भी अर्पित कर देते हैं, जिससे पूजा अधूरी या अशुभ मानी जाती है. धार्मिक विद्वानों के अनुसार, भगवान को अर्पित की जाने वाली वस्तुएं हमेशा पवित्र, साफ-सुथरी और सात्त्विक होनी चाहिए. शास्त्रों में वर्जित चीजें चढ़ाना दोष और नकारात्मक ऊर्जा का कारण बन सकता है.
शास्त्रों में स्पष्ट है कि, भगवान भाव के भूखे हैं, आडंबर के नहीं. शुद्ध मन और पवित्रता से अर्पित की गई साधारण वस्तुएं भी उन्हें प्रिय होती हैं. इसलिए पूजा करते समय अपने भाव और पवित्रता का विशेष ध्यान रखें.
अशुद्ध वस्तुएं- अगर पूजा स्थल या मूर्ति के आसपास गंदगी हो या अर्पित करने से पहले चीजें धोई या साफ नहीं की गई हों, तो यह अशुद्धता पैदा करती है. इसलिए पूजा में अर्पित की जाने वाली चीजों को अच्छी तरह से साफ और शुद्ध कर लें.
बासी या मुरझाए फूल- पूजा में देवी-दवताओं को हमेशा ताजे और सुंदर फूल और पत्ते ही अर्पित करें. सड़े-गले या मुरझाए हुए फूल भगवान को तनिक भी नहीं भाते. साथ ही ऐसे फूल चढ़ाना अशुभ माना जाता है.
अशुद्ध भोजन- रसोई के पुराने या खराब खाद्य पदार्थों या इनसे बने व्यंजन कभी भी भगवान को अर्पित न करें. शास्त्रों के अनुसार, इसे भगवान का अपमान माना जाता है.
अशुद्ध पात्र- पूजा-पाठ में शुद्ध बर्तनों का ही उपयोग करें. प्लास्टिक या ऐसी धातुएं जो पूजा के लिए शुद्ध नहीं मानी जातीं, उनमें भगवान को जल या भोग अर्पित नहीं करना चाहिए. पूजा के लिए तांबा, पीतल, चांदी और सोना जैसी धातुएं सबसे अधिक शुभ मानी जाती हैं.