Navratri 2022 Mantra: नवरात्रि में 9 दिन इन 9 मंत्रों से सिद्ध करें नौ शक्तियां, जानें हर मंत्र का महत्व और लाभ
शारदीय नवरात्रि के प्रथम दिन 26 सितंबर 2022 को घटस्थापना के साथ मां शैलपुत्री का पूजन किया जाएगा. मां शैलपुत्री का ध्यान कर इस मंत्र को जपने से धन और सौभाग्य में वृद्धि होती है.
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा नवरात्रि के दूसरे दिन 27 सिंतबर 2022 को होगी. देवी के इस मंत्र का जाप करने से मुश्किल घड़ी में संबल मिलता है. कठिन परिस्थियों में मन विचलित नहीं होता.
देवी चंद्रघंटा का पूजन नवरात्रि के दूसरे दिन 28 सितंबर 2022 को किया जाएगा. कहते हैं इस मंत्र का जाप करने से देवी जल्द प्रसन्न होती हैं और भक्तों के समस्त कष्टों का नाश हो जाता है. बिगड़े काम बनने लगते हैं.
माता कूष्मांडा के इस मंत्र का जाप करने से जातक को यश और बल का वरदान प्राप्त होता है. साथ ही दीर्धायु का आशीष मिलता है. मां कूष्मांडा की पूजा 29 सिंतबर 2022 की जाएगी.
नवरात्रि के पांचवे दिन 30 सितंबर 2022 को मां स्कंदमाता की आराधना की जाएगा. माता के इस मंत्र का जाप करने से मन एकाग्र होता है. साथ ही मोक्ष का मार्ग सुलभ हो जाता है.
नवरात्रि के छठे दिन 1 अक्टूबर 2022 को मां कात्यायनी का पूजा होगी. इनकी उपासना से अर्थ, धर्म, काम, मोक्ष की प्राप्ति होती है. विवाह में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए देवी कात्यायनी का पूजन किया जाता है. इस मंत्र के जाप से भय, रोग दूर होते हैं.
मां दुर्गा का सातवां स्वरूप देवी कालरात्रि का पूजन 2 अक्टूबर 2022 को किया जाएगा. कालरात्रि मां दुर्गा का उग्र रूप हैं. मान्यता है कि देवी के इस मंत्र के जाप से शत्रु पर विजय प्राप्त करने की शक्ति मिलती है. जातक का भय-तनाव और बाधाएं खत्म हो जाती है
आठवें दिन 3 अक्टूबर 2022 को मां महागौरी का पूजन होगा. इनकी साधना से अलौकिक सिद्धियां मिलती है. इस मंत्र के जाप से जातक असंभव को भी संभव कर पाता है.
शारदीय नवरात्रि के आखिरी दिन 4 अक्टूबर 2022 को मां सिद्धिदात्री की उपासना की जाएगी. मां सिद्धिदात्री का ये मंत्र भौतिक सुखों की प्राप्ति के लिए बहुत फलदायी है.