Shani Dev: शनि का सबसे प्रभावशाली मंत्र कौन सा है, इसका कैसे, कब और कितने बार जाप करना चाहिए?
शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित है. इस दिन शनि देव की आराधना करने और उनके मंत्रों का जाप करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है.शनिवार के दिन शनि के इन मंत्रों का जाप आपको सफलता दिला सकता है.
शनि देव के वैदिक मंत्र के जाप से व्यक्ति पर से शनि की साढ़ेसाती का बुरा प्रभाव खत्म हो जाता है. शनि वैदिक मंत्र- 'ऊँ शन्नोदेवीर-भिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तुनः।'
शनि गायत्री मंत्र के जाप से शनि के नकारात्मक प्रभाव दूर होते हैं. शनि गायत्री मंत्र- 'ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्। '
शनि तंत्रिक मंत्र के निरंतर जप से श्री शनिदेव भगवान घर में, व्यापार में शांति स्थापित करते हैं और प्रसन्न रहते हैं. शनि मंत्र- 'ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।'
शनि दोष निवारण मंत्र के जाप से शनि देव प्रसन्न होते हैं. शनि दोष निवारण मंत्र-' ऊँ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम।'
लेकिन यह एक मंत्र शनि देव का सबसे शक्तिशाली मंत्र कहा जाता है. 'ॐ शं शनिश्चराय नम:' इस मंत्र के जाप से शनि देव की विशेष कृपा बरसती है. शनि देव के इस मंत्र का जाप सुबह-शाम 108 बार करना चाहिए.