Shani Dev: फोटो के माध्यम से समझें शनि को, जानें प्रकोप से बचने के सटीक उपाय
शनि देव के बारे में कहा जाता है कि वे किसी को माफ नहीं करते हैं, फिर चाहें वो राजा हो या रंक. शनि की छाया से स्वयं भगवान शिव भी नहीं बच पाए थे. शनि कलियुग के दंडाधिकारी माने गए हैं. इसलिए मनुष्य का अच्छे कार्य करने चाहिए, ताकि शनि के दंड से बचा जा सके.
शनि का चाल बेहद धीमी है, इसीलिए शनि एक राशि से दूसरी राशि में जानें में लगभग ढाई साल का समय लेते हैं, राशि परिवर्तन के साथ शनि समय-समय नक्षत्र परिवर्तन भी करते हैं. वर्तमान समय में शनि का नक्षत्र गोचर शतभिषा में हो रहा है. इस नक्षत्र में शनि 6 अप्रैल 2024 तक रहेगें.
शनि जब भारी हों और अशुभ फल दे रहे हों तो शनि चालीसा का पाठ करना चाहिए. शनिवार के दिन शाम के समय शनि चालीसा का पाठ करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं और शुभ फल प्रदान करते हैं.
शनि देव उन लोगों पर बेहद खफा रहते हैं जो दूसरों को सताते हैं. कमजोर और असहाय लोगों पर जो जुल्म करते हैं, उन्हें सताते हैं. प्रकृति को नुकसान पहुंचाते हैं. शनि ऐसे लोगों को कभी माफ नहीं करते और समय आने पर कठोर दंड प्रदान करते हैं.
शनिवार का दिन शनि देव का प्रिय दिन है. शनिवार के दिन शाम के समय शनि मंदिर में सरसों का तेल चढ़ाने से शनि जल्दी प्रसन्न होते हैं. शनि से जुड़ी चीजों का दान करने से भी शनि अपने भक्तों के संकटों को दूर करते हैं.
शनि देव कर्मफलदाता भी हैं. इसलिए वे मनुष्य को उसके अच्छे-बुरे कर्मों का फल प्रदान करते हैं. शनि समय आने पर शुभ फल भी प्रदान करते हैं, जब ये शुभ फल देने पर आते हैं तो व्यक्ति की किस्मत बदल कर रख देते हैं.