Ayodhya: किसने बनाई राम दरबार की प्रतिमा ? मूर्तिकार तराशने से पहले क्यों लगाते थे इसकी परिक्रमा जानें रहस्य

गंगा दशहरा के दिन अयोध्या के राम मंदिर में राजा राम अपने परिवार के साथ विराजमान होंगे. राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां जोरों पर है. ये कार्यक्रम भव्य रूप से 3-4 दिन तक चलेगा.
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अयोध्या के राम दरबार की प्रतिमा जयपुर के मूर्ति मौहल्ले में रहने वाले मूर्तिकार सत्यनारायण पांडेय ने बनाई है. इसमें राजा राम, माता सीता, भरत, शत्रुघ्न और लक्ष्मण की प्रतिमा शामिल है. इसे बनाने में उन्हें 8 महीने का वक्त लगा.

खास बात ये है कि मूर्ति तराशने से पहले वह हर सुबह 2 घंटे तक प्रभु राम की परिक्रमा करते थे और हनुमान चालीसा का पाठ करते थे.
मूर्तिकार के ऐसा करने के पीछे ये कारण था कि मूर्तियां बनाने से पहले उनके मन में राम रम जाए और हाथ पत्थर को छूने योग्य हो, ताकि प्रतिमा पर राजा राम की दिव्य झलक दिखाई दे.
मूर्तिकार के अनुसार प्राण प्रतिष्ठा के लिए साढ़े 4 फीट का राम दरबार निर्मित किया गया है. भगवान श्रीराम और सीताजी की प्रतिमा का निर्माण एक खास तरह के पत्थर से किया गया है जबकि अन्य मूर्तियों का निर्माण दूसरे पत्थरों से किया गया है.
भक्तजन राम मंदिर के प्रथम तल पर अब रामदरबार का दर्शन 6 जून के बाद कर पाएंगे. मंदिर के भूतल पर रामलला विराजित हैं. इस भव्य समारोह में देश के जाने माने 101 आचार्य उपस्थित होंगे.
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