Prayagraj Saraswati River: भारत में कौन सी नदी धरती के नीचे बहती है?
महाकुंभ का धार्मिक आयोजन चल रहा है और इस दौरान देश-दुनिया से आए श्रद्धालु पवित्र त्रिवेणी संगम पर आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. प्रयागराज के त्रिवेणी संगम पर गंगा, यमुना और सरस्वती तीनों नदियां मिलती हैं.
भारत को नदियों की भूमि कहा जाता है यहां छोटी बड़ी लगभग 200 से अधिक नदियां हैं. लेकिन कुछ नदियों का रहस्य बहुत ही रोचक है. इन्हीं में एक है सरस्वती नदी जोकि भौतिक दृष्टि से दिखाई नहीं देती है क्योंकि यह जमीन के नीचे बहती है.
हिंदू ग्रंथों में सरस्वती नदी का उल्लेख मिलता है. ऋग्वेद का पहला हिस्सा सरस्वती नदी के किनारे ही लिखा गया. ऋग्वेद में सरस्वती नदी को ‘यमुना के पूर्व’ और ‘सतलुज के पश्चिम में’ बहता हुआ बताया गया है. ऋग्वेद में इसका वर्णन अन्नवती और उदकवती के रूप में किया गया.
वहीं महाभारत में सरस्वती नदी के विलुप्त होने की बात लिखी गई. महाभारत में सरस्वती नदी के प्लक्षवती नदी, वेदस्मृति और वेदवती आदि कई नाम हैं. इस तरह से सरस्वती नदी का उल्लेख तो कई जगहों पर मिलता है. लेकिन इसे बहते हुए किसी ने नहीं देखा.
सरस्वती नदी को लेकर ऐसा कहा जाता है कि यह नदी धरती के नीचे बहती है. सरस्वती नदी पर हुए शोध परिणाम में ऐसा बताया जाता कि भूगर्भीय बदलाव के कारण इसका विलुप्त होना संभावित है. लेकिन आज भी कई लोगों का मानना है कि यह नदी धरती के नीचे बह रही है.
सरस्वती नदी को भारत की एकमात्र ऐसी नदी माना जाता है जोकि धरती के नीचे बहती है. हालांकि इसके अलावा अमेरिका के इंडियाना में मिस्ट्री रिवर भी अंडरग्राउंड नदी है. अमेरिका के उत्तरी फ्लोरिडा में स्थित सैंटा फे नदी, पोर्टो रिको में स्थित रियो कैमू नदी और फिलीपींस की पर्टो प्रिंसेंसा नदी को भी अंडरग्राउंड नदी माना जाता है.