Mahabharata : युद्ध के बारे में क्या कहती है महाभारत, जानिए 10 महत्वपूर्ण बातें
आज भारत-पाक तनाव के बीच लोग आरपार के युद्ध की बात कर रहे हैं. पाकिस्तान के आतंकी हमलों से हमारे धैर्य की सीमा पार हो चुकी है. ऐसे में महाभारत का संदेश प्रासंगिक हो जाता है. वेदों में कहा गया है, सत्य और धर्म की रक्षा के लिए एकजुट हो जाओ और जरूरत पड़े तो बलिदान दो. महाभारत सिखाती है कि युद्ध अंतिम उपाय है, लेकिन जब धर्म और आत्मरक्षा की बात हो, तब पीछे नहीं हटना चाहिए.
सही रणनीति जरूरी है: श्रीकृष्ण की रणनीति के बिना पांडव कभी नहीं जीत पाते. अगर आपकी योजना और उद्देश्य सही हों तो सफलता पक्की है. जीवन में किसी भी चुनौती को जीतने के लिए सोच-समझकर बनाई गई रणनीति सबसे जरूरी है.
अधूरा ज्ञान खतरनाक है: अभिमन्यु चक्रव्यूह में फंसकर मारा गया क्योंकि उसे बाहर निकलने का तरीका नहीं पता था. अधूरा ज्ञान मुश्किल में काम नहीं आता. इसलिए किसी भी काम में पूरी जानकारी हासिल करना जरूरी है.
बदले की भावना से विनाश होता है: कौरवों ने पांडवों के प्रति बदले की भावना पाल ली थी. यह द्वेष अंत में पूरे वंश के विनाश का कारण बना. महाभारत सिखाती है कि बदले की भावना छोड़ कर क्षमा और संयम अपनाना चाहिए, क्योंकि यही शांति और प्रगति की असली कुंजी है.
कर्तव्य पालन में संकोच नहीं करना चाहिए: अर्जुन ने युद्ध से पहले अपने कर्तव्य पर संदेह किया. तब श्रीकृष्ण ने उन्हें गीता का उपदेश देकर अपने धर्म के पालन का साहस दिया. यह सिखाता है कि किसी भी परिस्थिति में अपने कर्तव्य से पीछे नहीं हटना चाहिए.
सच्चे मित्र का साथ अनमोल होता है: कृष्ण और अर्जुन की मित्रता इस बात का उदाहरण है कि कठिन समय में सच्चा मित्र हमेशा साथ देता है. एक अच्छा मित्र सही मार्गदर्शन करता है और मुश्किलों में आपके लिए ढाल बनकर खड़ा रहता है.
बुरी संगति से बचना चाहिए: शकुनि की बुरी संगति ने दुर्योधन को गलत फैसलों की ओर धकेला. इससे यह सीख मिलती है कि हमें हमेशा अच्छे और समझदार लोगों की संगति अपनानी चाहिए. गलत संगति जीवन को अंधकार में ले जा सकती है.
धैर्य और संयम से सफलता मिलती है: पांडवों ने वनवास और अन्य कठिनाइयों का धैर्यपूर्वक सामना किया. उन्होंने कभी हार नहीं मानी. अंत में उन्हें विजय मिली. यह सिखाता है कि धैर्य और संयम रखने वाले ही कठिन परिस्थितियों में सफलता प्राप्त करते हैं.
न्याय और सत्य की राह पर चलना चाहिए: युधिष्ठिर ने हर परिस्थिति में सत्य और न्याय का पालन किया. भले ही रास्ता कठिन था, लेकिन उन्होंने अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया. यही वजह थी कि उन्हें अंततः समाज का सम्मान और जीत मिली.
अहंकार का त्याग आवश्यक है: कर्ण और दुर्योधन का घमंड ही उनके पतन का कारण बना. महाभारत सिखाती है कि चाहे आपकी शक्ति कितनी भी बड़ी क्यों न हो, विनम्रता और अहंकार का त्याग करना जरूरी है. घमंड अंत में केवल विनाश लाता है.
ज्ञान और शिक्षा का महत्व: श्रीकृष्ण ने अर्जुन को जो गीता का ज्ञान दिया, वह आज भी दुनिया भर में जीवन का मार्गदर्शन करता है. यह दर्शाता है कि शिक्षा और ज्ञान इंसान को सही दिशा देते हैं और जीवन की कठिन परिस्थितियों में रास्ता दिखाते हैं.