Kanwar Yatra 2025: अगर कांवड़ यात्रा नहीं कर पा रहे हैं तो कैसे और कब चढ़ाएं शिव जी को जल जानें
कांवड़ यात्रा एक कठिन तपस्या है, जो मानसिक दृढ़ता से होती है. साथ ही कांवड़ यात्रा आस्था का प्रतीक भी है. अपने मनोरथ को पूर्ण करने के उद्देश्य से भगवान भोलेनाथ के समक्ष कांवड़ यात्रा की जाती है.
कांवड़ यात्रा की शुरुआत सावन के शुरू होती ही हो जाती है और सावन शिवरात्रि पर कांवड़ का जल शिव जी को अर्पित किया जाता है. ऐसे में अगर आप कांवड़ यात्रा नहीं कर रहे हैं तो सावन शिवरात्रि के दिन भोलेनाथ का जलाभिषेक जरुर करें, इससे पुण्य फल मिलता है.
कांवड़ यात्रा का पुण्य प्राप्त करना चाहते हैं तो 23 जुलाई 2025 को सावन शिवरात्रि पर सुबह, प्रदोष काल या फिर रात्रि के चारों प्रहर में स्नान करने के बाद जल अर्पित करें. जल में गंगाजल या किसी पवित्र नदी का जल जरुर मिलाएं.
इसके बाद शिव मंदिर या घर में महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते हुए शिवलिंग पर तांबे के लोटे या श्रृंगी से जल अर्पित करें.
जलाभिषेक के बाद बेलपत्र, भांग, मदार पुष्प, चंदन, अक्षत, शहद आदि शिवलिंग पर चढ़ाएं. इस दिन 24 घंटे का व्रत रखें. रात्रि में भजन कीर्तन करें.
सावन शिवरात्रि के दिन जनसेवा जरुर करें. शिव जी हर जीव में विराजमान हैं, ऐसे में उनकी सेवा शिव साधना के समान फल देती है. गरीबों को दान दें, पशु-पक्षियों को भोजन खिलाएं.