Jitiya 2025 Paran: इन पारंपरिक व्यंजन के बिना अधूरा है जितिया पारण, जीमूतवाहन को लगता है भोग
जितिया का उपवास निर्जला रखा जाता है और अगले दिन पूजा-पाठ के बाद माताएं सुबह पारण के साथ अपना व्रत खोलती हैं. पारण के दिन कुछ विशेष पारंपरिक व्यंजन बनाए जाते हैं और जीमूतवाहन को भोग लगाया जाता है.आइये जानते हैं जितिया व्रत के पारण वाले दिन बनने वाले विशेष पकवान.
जिमीकंद की सब्जी- पारण वाले दिन कई तरह की सब्जियां और भाजी बनाई जाती है, जिसमें जिमीकंद की सब्जी भी एक है. यह सब्जी सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद मानी जाती है. इसे बनाने के बाद सबसे पहले इसका भोग लगाया जाता है. इसके बाद व्रती माताएं और घर के अन्य सदस्य इसे ग्रहण करते हैं.
नोनी साग- जितिया में नोनी साग का खास महत्व होता है. नहाय खाय से लेकर पारण के दिन तक इसे बनाया और खाया जाता है. पारण के दिन नोनी साग बनाकर इसका भी भोग जीमूतवाहन देवता को लगाया जाता है.
अरबी की सब्जी- पारण के दिन लोग अरबी की सब्जी भी बनाते हैं. पारण की थाली इस सब्जी के बिना अधूरी मानी जाती है. कुछ जगह पर इसे कंदा भी कहा जाता है.
सतपुतिया की सब्जी- पारण की थाली में सतपुतिया की सब्जी भी जरूर होती है. यह बहुत हल्का और जल्दी पचने वाला भोजन होता है. जितिया के पारण में सतपुतिया की सब्जी लगभग हर जगह पर बनती है. इसे झिंगी भी कहा जाता है.
इन सभी के अलावा पारण की थाली में मटर या चने के साथ मिलाकर पुई या पोई साग भी बनाया जाता है. इसे मालाबार पालक के नाम से भी जाना जाता है, जोकि एक पत्तेतार सब्जी होती है. जितिया व्रत के उपवास के बाद अगले दिन माताएं जब ये चीजें खाती हैं तो उन्हें इन पौष्टिक आहार से ऊर्जा प्राप्त होती है और कमजोरी नहीं लगती.