Shani Dosh Symptoms: कुंडली में कमजोर शनि कैसे बदल देता है जीवन की दिशा? जानें इसे मजबूत बनाने के उपाय!
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि को न्याय और कर्म का दाता कहा गया है. अगर किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में शनि मजबूत है तो उसके जीवन में सफलता और स्थिरता प्राप्त होगी. वहीं अगर शनि दुर्बल स्थिति में होगा तो जीवन में संघर्ष और मानसिक तनाव बना रहता है. आइए ऐसे में जानते हैं कि शनि के कमजोर स्थिति में रहने के क्या लक्षण है और क्या-क्या उपाय हैं.
ज्योतिषीय में माना जाता है कि अगर व्यक्ति की कुंडली के पहले, चौथे और छठे भाव में शनि हो तो उसे शुभ नहीं माना जाता. वहीं अगर शनि दुर्बल हो, नीच राशि में बैठा हो या शत्रु ग्रहों में हो तो जीवन में काम में बाधाएं आ सकती हैं, सफलता में भी रुकावटें आती हैं ओर तो ओर स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियां भी हो सकती है.
शास्त्रों के अनुसार अगर किसी व्यक्ति पर शनि दोष का प्रकोप है तो, उसके जीवन में आर्थिक दिक्कतें आने लगेंगी. लगातार विवाद, झूठे आरोप, शराब, जुआ जैसी चीजों में पढ़े रहेंगे. वही कभी के बार शारीरिक रूप से भी कमजोरी, चर्म रोग और अस्थमा जैसी संभावना रहती है.
ज्योतिष के अनुसार जन्मकुंडली में कमजोर शनि जीवन के कई क्षेत्रों में बाधाएं पैदा कर सकता है. अलग-अलग भावों में दुर्बल शनि का प्रभाव भी अलग होता है—कहीं आर्थिक संकट बढ़ता है, तो कहीं वैवाहिक तनाव, मानसिक दबाव या व्यावसायिक अड़चनें सामने आती हैं. कई मामलों में शनि गलत आदतों की ओर भी ले जा सकता है या निर्णय लेने की क्षमता को भी प्रभावित कर सकता है.
शनि अमावस्या और शनिवार को किए गए उपाय विशेष परिणाम देते हैं. पीपल की जड़ में मीठा जल चढ़ाना, सरसों के तेल का दीपक जलाना, शनि चालीसा या महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना और काले तिल, उड़द या काले कपड़ों का दान करना शुभ माना जाता है. शनिवार को पीपल की परिक्रमा, शिवलिंग पर काले तिल मिले जल से अभिषेक, तथा गरीबों की सेवा करने से भी शनि के दोष शांत होते हैं. कुछ लोग ज्योतिष सलाह के बाद काले घोड़े की नाल या नाव की कील की अंगूठी भी धारण करते हैं.