Hindu Religious Trees: गरीबी और दुख होंगे दूर, इन पवित्र पेड़-पौधों की पूजा का जानें शास्त्रीय रहस्य
पेड़-पौधे केवल प्रकृति का हिस्सा मात्र नहीं बल्कि इन्हें दिव्य आध्यात्मिक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है. धर्म ग्रंथों में ऐसे कई पेड़-पौधों का जिक्र मिलता है, जिनकी पूजा से ग्रह-दोष और दुख दरिद्रता दूर होती है. इन दिव्य पेड़-पौधा की पूजा करने से भाग्य के दरवाजे भी खुलते हैं.
तुलसी- इसे मां लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है. गरुड़ पुराण में कहा गया है कि, जहां नियमित तुलसी पूजा होती है वहां दरिद्रता पल भर भी नहीं टिकती. शास्त्रों के अनुसार, तुलसी घर की सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाती है. तुलसी की परिक्रमा करने से आर्थिक बाधाएं दूर होती हैं.
पीपल- पीपल में ब्रह्मा, विष्णु, महेश का वास माना गया है. गीता के 10वें अध्याय (विभूति योग) के 26वें श्लोक में कृष्ण कहते हैं-‘वृक्षों में मैं पीपल हूं’. पीपल की पूजा से शनि और पितृ दोष दूर होता है. साथ ही दुख, रोग और मानसिक तनाव कम होता है.
बेल- यह शिवजी का प्रिय वृक्ष है. बेववृक्ष की पूजा करने से भगवान शिवजी की कृपा मिलती है. स्कंद पुराण के अनुसार, शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पण करने से संचित पाप और आर्थिक संकट दूर होता है. बेल की तीन पत्तियां त्रिदेव का प्रतीक है.
आंवला- आंवले वृक्ष की पूजा करने का शास्त्रों में महत्व बताया गया है. पद्म पुराण में आंवले की पूजा को हजार गौदान के बराबर माना जाता है. आंवले के नीचे दीप जलाने से भाग्य जागृत होता है.
केला- मान्यता है कि केले में भगवान विष्णु का वास होता है. साथ ही इसे गुरु का प्रतिनिधि भी माना गया है. विवाह, यज्ञ और हर शुभ संस्कार में केले के पत्ते और तने का प्रयोग होता है. शास्त्रों के अनुसार, जिस घर पर केले के वृक्ष की पूजा और सेवा होती है, वहां गरीबी, कलह और आर्थिक संकट नहीं रहता.