Guru Asta 2025: जल्द अस्त होने वाले हैं बृहस्पति, अभी कर लें ये शुभ काम नहीं तो 5 महीने करना होगा इंतजार
ज्योतिष में ग्रहों के राजा सूर्य के निकट जब कोई ग्रह एक तय दूरी पर आ जता है तो वह सूर्य ग्रह के प्रभाव से बलहीन हो जाता है, इसे ग्रह का अस्त होना माना जाता है, जब गुरु अस्त होते हैं तो गुरु का प्रभाव कम हो जाता है. मांगलिक कार्य में सफलता नहीं मिलती हैं.
ज्योतिष में ग्रहों के राजा सूर्य के निकट जब कोई ग्रह एक तय दूरी पर आ जता है तो वह सूर्य ग्रह के प्रभाव से बलहीन हो जाता है, इसे ग्रह का अस्त होना माना जाता है, जब गुरु अस्त होते हैं तो गुरु का प्रभाव कम हो जाता है. मांगलिक कार्य में सफलता नहीं मिलती हैं.
दरअसल 6 जुलाई 2025 को देवशयनी एकादशी है और इस दिन से चातुर्मास शुरू हो जाते हैं. चातुर्मास में मांगलिक कार्य पर पाबंदी रहती है. ऐसे में 11 जून से पहले ही शुभ कार्य कर लें, नहीं तो 5 महीने यानी देवउठनी एकादशी तक इंतजार करना होगा.
गुरु अस्त होने से पहले विवाह, उद्यापन, प्रथम उपाकर्म, गृह प्रवेश, जल के बडे होदे, व्रत का प्रारम्भ, बावड़ी-भवन निर्माण, नई बहू का गृह प्रवेश, भवन निमार्ण, कुआं, तालाब, बगीच, देवस्थापन, दीक्षा, उपनयन, जडुला उतारना आदि कार्य कर लें.
देवउठनी एकादशी 1 नवंबर 2025 को है. इस दिन चातुर्मास खत्म होंगे और फिर सभी शुभ कार्य फिर शुरू हो जाएंगे.
गुरु अस्त हो तब पीपल के पेड़ में ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः।। मंत्र का जाप करते हुए जल चढ़ाएं. इससे बृहस्पति का शुभ प्रभाव प्राप्त होता है.