Eid al Adha 2025: बकरीद में किन लोगों पर फर्ज नहीं कुर्बानी, जान लें फर्ज-ए-कुर्बानी के नियम
बकरीद इस्लाम का दूसरा सबसे अहम त्योहार माना जाता है. जिसे इस्लामिक महीने जिल-हुज्जा के 10वें दिन मनाया जाता है. बकरीद का पर्व कुर्बानी से जुड़ा है. इस दिन सुबह नमाज के बाद जानवर की कुर्बानी दी जाती है.
इस्लाम कुर्बानी को लेकर क्या कहता है. किन लोगों पर कुर्बानी फर्ज (अनिवार्य) है और किन पर नहीं. मुस्लिम जानकारों के अनुसार, जिनके पास 50 हजार से अधिक रकम है उन पर कुर्बानी फर्ज है.
जिन पुरुष-महिला के पास 50 हजार की रकम या उसके बराबर सोना है, उन पर कुर्बानी फर्ज की गई है. जो लोग हैसियत होने पर भी बकरीद में कुर्बानी नहीं करते उसे गुनाहगार माना जाता है.
इस बात का ध्यान रखें कि कुर्बानी दिखावा नहीं है. इसे बस अल्लाह की इबादत समझकर करना चाहिए. इसलिए अपनी हैसियत के मुताबिक जानवर लेकर भी कुर्बानी कर सकते हैं.
ऐसे लोग जो गरीब हैं और जानवर की कुर्बानी नहीं दे सकते, उन पर कुर्बानी फर्ज नहीं है. इसके साथ ही दिव्यांग, पांच साल के कम उम्र के बच्चे, गर्भवती महिलाएं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं पर कुर्बानी फर्ज नहीं है.
बकरीद पर कुर्बानी की परंपरा पैगंबर मोहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) के समय से चली आ रही है. कुर्बानी को इस्लाम का अहम हिस्सा माना जाता है. इस बात का ध्यान रखें कि कुर्बानी का उद्देश्य गोश्त खाना नहीं बल्कि फर्ज होना चाहिए.