Daily Puja Tips: पूजा में कौन सी सामग्री दोबारा इस्तेमाल कर सकते हैं कौन सी नहीं, जानें
पूजा में हम देवी-देवता को कई प्रकार की सामग्रियां अर्पित करते हैं. पूजा के बाद घी, फूल, चंदन, जनेऊ, सुपारी जैसी कई चीजें बच जाती हैं. कुछ चीजें तो भगवान को अर्पित करने के बाद भी खराब नहीं होती. ऐसे में कई लोगों के मन में यह सवाल रहता है कि, क्या हम इन्हें शुद्ध कर फिर से पूजा में प्रयोग कर सकते हैं या नहीं.
अगर आपके मन में भी पूजा सामग्रियों को लेकर ऐसा संशय रहता है तो जान लीजिए कि पूजा की किन सामग्रियों को दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है और किन सामग्रियों को नहीं.
पूजा में आप यदि चांदी, पीतल या तांबे आदि के पात्रों का प्रयोग करते हैं तो इसे फिर से इस्तेमाल कर सकते हैं. इसी प्रकार भगवान की मूर्ति, घंटी, शंख, मंत्र जाप की माला, शंख, आसन जैसी स्थायी चीजों का प्रयोग भी दोबारा से किया जा सकता है.
लेकिन भोग, जल, फूल, माला, चंदन, कुमकुम, धूप-दीप, नारियल, अक्षत, जलाए हुए दीपक में बचा हुआ तेल या घी जैसी चीजें एक बार प्रयोग करने के बाद दोबारा से पूजा में इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. दोबारा इस्तेमाल करने से इनकी शुद्धता और पवित्रता नष्ट हो जाती है.
हालांकि पूजा में भगवान को अर्पित की गई तुलसी की पत्तियां आप दोबारा पूजा में इस्तेमाल कर सकते हैं. यदि किसी कारण तुलसी के पत्ते उपलब्ध न हो आप तुलसी को दोबारा पूजा में इस्तेमाल कर सकते हैं. क्योंकि तुलसी कभी अपवित्र या बासी नहीं होती. इसे स्वयं-शुद्ध माना जाता है.
बेलपत्र भी भगवान को अर्पित करने के बाद दोबारा से धोकर इस्तेमाल किया जा सकता है, इसमें कोई दोष नहीं है. लेकिन इसका ध्यान रखे कि, बेलपत्र खंडित, कटा-फटा या दागदार नहीं होना चाहिए. शिवपुराण के अनुसार बेलपत्र 6 महीने तक बासी नहीं होता है.