Chhath Puja 2023: छठ महापर्व में नहाय खाय में क्या होता है? छठ पर्व के पहले दिन के नियम नोट कर लें
छठ महापर्व की शुरुआत 17 नवंबर से हो जाएगी. इस पर्व को पूरे देश में बहुत ही धूम-धाम से मनाया जाता है. इस पर्व की शुरुआत नहाय-खाय के साथ होती है.छठ महापर्व में क्या होता है नहाय-खाय, जानते हैं इसके नियम
छठ का पहला दिन नहाय-खाय का होता है. शब्द नहाय अपने शब्द का अर्थ बताता है जैसे नहाय यानि नहाना. इस दिन सुबह किसी भी नदी, तालाब में शुद्ध पानी से स्नान करना और साफ कपड़े पहनने का महत्व है.
नहाय-खाए के दिन गंगा नदी में स्नान करने और साफ वस्त्र या नए वस्त्र पहनने का महत्व है लेकिन गंगा नदी ना होने पर आप किसी भी नदी या तालाब में स्नान कर सकते हैं. इसको बहुत शुभ माना जाता है.
नहाय-खाय का दूसरा शब्द है खाय इस दिन नहाने के बाद एक विशेष भोजन बनाया जाता है और खाया जाता है. इस दिन जो महिलाएं व्रत करती हैं उनको चने की दाल और लौकी की सब्जी देसी घी में बनानी चाहिए और उसका सेवन करना चाहिए.
इस दिन का खाना सेंधा नमक में बनाना चाहिए. व्रती को इस दिन बिस्तर पर नहीं सोना चाहिए. इस दिन साफ-सुथरे या नए कपड़े ही पहनने चाहिए. व्रत का विशेष भोजन लगाने के बाद भगवान गणेश और सूर्य देव को भोग लगाकर ही ग्रहण करना चाहिए.