Chanakya Niti: सफलता पाने के लिए 5 चीजों का करें त्याग, लक्ष्य से कभी नहीं भटकेंगे
डर - जब लक्ष्य बड़ा होता है तो शुरुआत की कोशिशों में असफल होने की संभावनाएं काफी अधिक रहती हैं, और यही डर हमारी असफलता का कारण बनता है. चाणक्य नीति के अनुसार डर हमारी कल्पना से अधिक कुछ भी नहीं है. लक्ष्य पाना है तो कड़े कदम उठाने से डरे नहीं. अपनी सूझबूझ से प्लान कर लक्ष्य की ओर बढ़ें.
लोगों की सोच की परवाह न करें - काम कभी छोटा या बड़ा नहीं होता. चाणक्य के अनुसार जिस कार्य में आपकी रूचि है और उसे पूरा करने की क्षमता है तो, उसे पूरे मन लगाकर करें. ‘लोग क्या सोचेंगे इस बात से प्रभावित न हों क्योंकि ऐसे लोग आपकी वास्तविकता से परे होते हैं. ऐसे लोगों की बातों की परवाह करना बेकार है.
नकारात्मक विचार - चाणक्य ने अपनी नीतियों के बल पर एक साधारण बालक चंद्रगुप्त को मधग का सम्राट बना दिया था. कहने का मतलब ये है कि खुद पर भरोसा हो तो जग जीता जा सकता है. सफल होने के लिए नकारात्मक विचारों का त्याग करें और अपनी क्षमता पर विश्वास रखें.
चिंता या चिंतन - चाणक्य नीति के अनुसार सफल व्यक्ति हमेशा अपने वर्तमान के हर पल का सही उपयोग करते हुए आगे बढ़ते हैं. ऐसे मेंबीते हुए कल से सबक लेकर भविष्य के बारे में चिंता नहीं चिंतन करें.
अहंकार की आग - सफलता पाना जितना मुश्किल है उससे ज्यादा कठिन है उसे निरंतर बनाए रखना. जब कामयाबी हाथ लगती है तो कई बार उसका घमंड आ जाता है जो व्यक्ति के पतन का कारण बनता है. ऐसे में कामयाब बने रहने के लिए कभी अपने पद, पैसा का अभिमान न करें.