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Bhagavad Gita: गीता का कौनसा अध्याय रोज पढ़ना चाहिए?

एबीपी लाइव   |  11 Dec 2024 02:15 PM (IST)
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श्रीमद्भागवतगीता हिंदू धर्म का एक पवित्र ग्रंथ है. महाभारत के युद्ध से पहले भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को जो उपदेश दिए थे, उन्हें ही गीता कहा जाता है.

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गीता में कुल 18 अध्याय और 700 श्लोक है. गीता को पढ़ने, अध्ययन करने, मनन और चिंतन करने से मानव धर्म को गहराई से समझा जा सकता है.

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गीता का हर अध्याय खास है. लेकिन कुछ लोग गीता के आखिरी अध्याय यानि 18वें अध्याय को खास मानते हैं.क्योंकि इसमें गीता के समस्त उपदेशों का सार एवं उपसंहार है. यह अध्याय पिछले सभी अध्यायों का सारांश है, इसलिए आप इस अध्याय में पूरी गीता को मोटे तौर पर जान सकते हैं.

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इस अध्याय में भगवान ने जीवन के लिए व्यावहारिक मार्ग का उपदेश दिया है. ईश्वर, जो प्रत्येक प्राणी के हृदय या केंद्र में विराजमान हैं, उसमें विश्वास रखे, उसका अनुभव करें.

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वहीं कुछ लोग पांचवें अध्याय को खास मानते हैं. इस अध्याय में बताया गया है कि हर प्राणी को समदर्शी होना चाहिए. ये अध्याय उन लोगों को सन्देश देता है जो छुआ-छूत और धार्मिक भेदभाव को मानते हैं.

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