Ramleela: अनोखी है यहां की रामलीला, सालभर तक होता था राम कथा का मंचन
नवरात्रि में घटस्थापना से लेकर नवमी तक घर-घर में दुर्गा माता का पूजन किया जाता है इसके साथ ही नौ दिन चलने वाली रामलीला के मंचन का सिलसिला भी शुरू हो जाता है. जिसमें सबसे प्रसिद्ध है अयोध्या की रामलीला.
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View In Appमान्यता है कि गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरित मानस की रचना संवत 1600 में अयोध्या में की थी. रामलीला प्रभु श्रीराम के चरित पर परंपरागत रूप से खेला जाने वाला एक नाटक है जो मुख्य तौर पर उत्तर भारत में होती है.
1988 में अयोध्या शोध संस्थान की रामलीला सबसे प्राचीन और प्रसिद्ध मानी जाती है. मान्यता है कि पहले यहां सालभर हर मंगलवार को रामलीला होती थी. अयोध्या से निकल कर रामलीला देश दुनिया के अलग-अलग कोने तक जा पहुंची. नवरात्रि में यहां विशेष रूप से रामलीला देखने दूर-दूर से लोग आते हैं.
1988 में अयोध्या शोध संस्थान की रामलीला सबसे प्राचीन और प्रसिद्ध मानी जाती है. मान्यता है कि पहले यहां सालभर हर मंगलवार को रामलीला होती थी. अयोध्या से निकल कर रामलीला देश दुनिया के अलग-अलग कोने तक जा पहुंची. नवरात्रि में यहां विशेष रूप से रामलीला देखने दूर-दूर से लोग आते हैं.
रामजन्म से लेकर उनके वनवास जाने, सीता हरण, भरत मिलाप और रावण-वध जैसी घटनाओं का मंचन करते हैं. इसके बाद दशमी वाले दिन रावण-वध होता है, इस दिन रावण सहित मेघनाद तथा कुंभकरण का भी पुतला जलाकर दशहरा पर मनाया जाता है.
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