इस मसाले की खेती करने वाले किसान बन गए राजा, जानिए इसके उत्पादन की उन्नत तकनीक
दरअसल, हम बात कर रहे हैं एक ऐसे मसाले की खेती की जो हर तरह की सब्जी में इस्तेमाल किया जाता है. हालांकि, ये महंगा बिकता है और भारत में कुछ ही इलाकों में इसकी खेती होती है. आपको बता दें हम बात कर रहे हैं लौंग की.
लौंग का पौधा एक सदाबहार पौधा होता है, यानी अगर आपने इसका पौधा एक बार लगा दिया तो ये सालों साल फसल देता है.
इसकी खेती के लिए सबसे बेस्ट कटिबंधीय जलवायु होती है. वहीं दोमट मिट्टी में इसकी खेती सबसे बेहतर होती है. दरअसल, जिस मिट्टी का पीएच मान पांच से 6 के बीच होता है, वहां इसकी फसल खूब होती है.
हालांकि, लौंग की खेती करने वाले किसानों को इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि वो जहां इसकी खेती करें वहां जलभराव ना हो. अगर जलभराव हुआ तो इसका पौधा सड़ जाएगा.
इसकी खेती करने के लिए आपको बाजार से लौंग का पौधा लाना होगा और उसे 15 से 20 फीट की दूरी पर लगा देना होगा. कहा जाता है कि एक बार तैयार होने पर यह पौधा सौ वर्षों तक लौंग पैदा कर सकता है, लेकिन अगर आपको अच्छी उपज चाहिए तो एक पौधा 15 से 20 वर्षों तक अच्छी फसल देता है.
लौंग के पौधे को लगाते समय इस बात का ख्याल रखें कि उसमें ज्यादा पानी ना डालें. इसके साथ ही जब यो थोड़ा बड़ा हो जाए तो उसकी जड़ों को पास मिट्टी और गोबर मिलाकर लगा दें. इससे पौधा और तेजी से बढ़ेगा. पौधा लगाने के चार से पांच साल बाद पेड़ों पर लौंग के फल लगने लगेंगे.