पालक की खेती कर तगड़ा मुनाफा हासिल कर सकते हैं किसान भाई, जानें क्या करना होगा
देश में हरी पत्तेदार सब्जियों की खेती बड़े स्तर पर की जाती है. किसान चाहें तो इस समय सर्दियों की सबसे लोकप्रिय सब्जी पालक की खेती कर अच्छा लाभ प्राप्त कर सकते हैं.
पालक जैसी पत्तेदार सब्जियों को उगाने का एक और लाभ यह है कि वे कम समय में पककर तैयार हो जाते हैं. इसकी खेती के लिए आम तौर पर सर्द मौसम सबसे अच्छा रहता है. पालक के पत्तों की अच्छी उपज मिलती है, खासकर ठंड में. किसान पूसा पालक, पूसा हरित, पूसा ज्योति और पूसा ऑलग्रीन की बुवाई कर सकते हैं, अगर वे चाहें तो अधिक उत्पादन देंगे.
पालक वैसे भी देश भर में कई स्थानों पर उगाया जाता है. पालक के पत्ते भी घर की छत पर या बालकनी में कंटेनर या क्यारियों में उगाते हैं. वहीं, खेतों में नमकीन या लवणीय जमीन अच्छी रहती है.
हैरान करने वाली बात यह है कि पालक की सबसे अच्छी पैदावार वहां मिल सकती है जहां किसी भी फसल का उत्पादन नहीं हो सकता है. पालक की खेती जल निकासी वाली दोमट मिट्टी में भी कर सकते हैं, जिससे कम मेहनत में अधिक उत्पादन मिलता है.
पालक जैसी पत्तेदार सब्जियों का अच्छा उत्पादन करने के लिए बहुत अधिक जैविक खाद या वर्मी कंपोस्ट का उपयोग करें. वैसे तो पालक की फसल भी नाइट्रोजन से बेहतर होती है, लेकिन जैविक खेती करने वाले किसान नाइट्रोजन की जगह जीवामृत का उपयोग कर सकते हैं.
एक हेक्टेयर में 30 से 32 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है, जिसके बाद फसल 150 से 200 क्विंटल उत्पादन दे सकती है.